लखनऊ (लाइवभारत24)। शुभ महालया अमावस्या का पर्व श्राद्ध या पितृ पक्ष की समाप्ति और शुभ देवी पक्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। आम तौर पर शुभ महालया पर्व 10 दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत का भी प्रतीक है, लेकिन इस साल शुभ महालया अमावस्या के ठीक एक महीने बाद देवी दुर्गा की घर वापसी होगी।

कल्याण ज्वैलर्स की ब्रांड एंबेसडर ऋताभरी चक्रवर्ती

शुभ महालया अमावस्या के महत्वपूर्ण अवसर पर कल्याण ज्वैलर्स की ब्रांड एंबेसडर ऋताभरी चक्रवर्ती एक नए अवतार में नजर आईं। ऋताभरी चक्रवर्ती ने दुर्गा मां के प्राकट्य पर्व के अवसर पर दुर्गा के तीन अलग-अलग रूपों को चित्रित किया। देवी सती, मां पार्वती और महिषासुर मर्दिनी के रूप में ऋताभरी ने कल्याण ज्वैलर्स के विभिन्न संग्रह के पारंपरिक आभूषणों से श्रंगार किया। महालया के शुभ अवसर पर बोलते हुए कल्याण ज्वैलर्स की रीजनल ब्रांड एंबेसडर ऋताभरी चक्रवर्ती ने कहा,‘’यह माना जाता है कि महालया अमावस्या के दिन मां दुर्गा अपने बच्चों के साथ स्वर्ग से पृथ्वी पर अपने पिता के घर वापस आती हैं। बंगालियों के लिए दुर्गा पूजा साल का सबसे बड़ा त्योहार है और महालया का दिन त्योहारों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। वर्षों से असुरों पर माँ दुर्गा की विजय को रेडियो टेलीविजन और नाटकों पर चित्रित किया गया है। माँ दुर्गा के इस लोकप्रिय रूप को ‘महिषासुरमर्दिनी’ भी कहा जाता है। माँ दुर्गा की किसी भी मूर्ति में आप देखेंगे कि मां ने सिर से पैर तक गहनों का श्रंगार किया है। कल्याण ज्वैलर्स और आनंदबाजार पत्रिका के सहयोग से मां दुर्गा को चित्रित करना मेरे लिए वाकई सम्मान की बात है। इसकी अहमियत और बढ़ जाती है, क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश देता है कि यदि माँ दुर्गा नारी शक्ति का प्रतीक हैं तो हम अपने समाज में महिलाओं का सम्मान और पूजा क्यों नहीं करते हैं। हमारे देश में महिलाओं के खिलाफ शारीरिक हिंसा के मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हंै। इसलिए हम इस सरल तरीके से लोगों को याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि हर महिला के भीतर एक देवी है और हमें उसका सम्मान करना चाहिए।’

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