याद किये गये प्रेस छायाकार स्व. मनोज देवगन,

वक्ताओं ने साझा किए अपने अपने संस्मरण

लखनऊ(लाइवभारत24)। साल 2020 जाते जाते शहर के जाने माने और वरिष्ठ छायाकार मनोज देवगन को अपने साथ ले गया। 28 दिसंबर को मेरठ में मनोज देवगन बीमारी से निधन हो गया। उनकी स्मृति में मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब की ओर से बुधवार को शोक सभा का आयोजन किया गया। विकासदीप परिसर में हुई शोक सभा में बड़ी तादाद में लोगो ने शिरकत की और मनोज देवगन से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए। शोक सभा के की शुरूआत पर गायत्री परिवार से जुड़े उमानंद शर्मा ने मंत्रोच्चार के साथ दिवंगत आत्मा की शाति के लिए प्रार्थना की।

शोकसभा में महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि उन्हें छायाकार की मृत्यु का बहुत दुख है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में वो शोकाकुल परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि परिवार की हर संभव सहायता के लिए वह तैयार हैं। उन्होंने मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब की सराहना करते हुए कहा कि मै इस क्लब के लगभग सभी आयोजनों में आती रही हूं जिस प्रकार पारी जी अपने साथियों के लिए काम करते है वह काबिले तारीफ है खास तौर अपने दिवंगत साथियों और उनके परिवार के लिए भी सदा उपस्थिति रहते हैं। इस क्लब को या इससे जुड़े किसी भी सदस्य को मेरी जब भी जरूरत होगी मै उपस्थित रहूंगी। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार  ने अपने अपने संस्मरण साझा किये जिसमे सुरेश बहादुर ने कहा कि मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब हमेशा अपने साथियों के लिए आगे से आगे प्रयासरत रहता है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ छायाकार की मौत तक ही उसके बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि हमें एकजुट होकर शासन प्रशासन से इनके लिए मदद की दरकार करनी चाहिए साथ ही सभी पत्रकारों और छायाकारों को संयुक्त रूप से पीड़ित परिवार की सहायता करनी चाहिए।  शबी हैदर ने कहा कि हमारे से पहले के पत्रकारों ने हमें बहुत कुछ दिया है लेकिन अब की पत्रकारिता को दकेखते हुए हमें नहीं लगता कि हम अपनी आने वाली पत्रकार पीढ़ी को कुछ विरासत में देकर जायेंगे क्योकि पत्रकारिता का स्तर काफी गिर गया है। सभी पत्रकारों और छायाकार साथियों अपनी आने वाली पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए। शिव सरन सिंह ने कहा कि हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए कि हम अपने साथ के पत्रकार व छायाकार साथियों को शासन प्रषासन से आर्थिक रूप् से मदद दिला सकें।  पत्रकार मनोज मिश्रा ने कहा कि मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब हमेषा अपने साथियों के सुख दुख में खड़ा रहता है मै क्लब की सराहना करता हूं कि वह अपने छायाकार साथियों को उनके निधन के बाद भी याद करता है और उनके न रहने पर उनके परिवार का भी ध्यान रखता है। शिवशकर गोस्वामी ने कहा कि मनोज देवगन के साथ हमारा बहुत ही पुराना रिष्ता रहा है अमर उजाला में नौकरी के दौरान हमने काफी समय एक साथ काम किया।

सुशील दुबे ने कहा कि 2020 पत्रकारों के लिए बहुत बुरा रहा हम सभी ने अपने किसी अज़ीज को खोया है। लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाला साल हम सबके लिए अच्छा रहेगा।  सुल्तान शाकिर हाषिमी ने कहा कि पत्रकार और छायाकार एक ही सिक्के के दो पहलू है बिना छायाकार के पत्रकार अधूरा रहता है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र तोमर ने मनोज देवगन के साथ अपने संस्मरण साझा किए। उन्होंने बताया कि लंबे बालों वाले मनोज हमेशा दूसरों की मदद को तैयार रहते थे। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र द्विवेदी , हरिओम शर्मा, खुर्शीद अहमद आदि ने भी अपने संस्मरण साझा किये।

वक्ताओं ने कहा कि मनोज लखनऊ के पुराने छायाकारों में से रहे हैं। लखनऊ के कई बड़े अखबारों में उन्होंने लंबे समय तक काम किया। राजनैतिक रैलियां हों या सांस्कृतिक गतिविधियां, सामाजिक सरोकार हों या आफबीट मुद्दे। मनोज जी ने सभी विषयों पर काम किया। उनकी तस्वीरें अक्सर अपनी स्पष्टता के लिए चर्चा में रहती थीं। उनकी कमी लखनऊ के मीडिया जगत को हमेशा खलेगी।

कोरॉना गाइडलाइन के तहत हुए आयोजन में प्रमुख रूप से समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रभारी आशीष यादव सोनू, अनीस खान वारसी, पत्रकार दीपक कुमार, अमरेन्द्र सिंह, अभिषेक रंजन, समरेश आनंद, निशि भाट, शरददीप, मोहित लोदी, छायाकार रवि कुमार, मनमोहन षर्मा, त्रिलोचन कालरा, अषोक दत्ता, नैयर जैदी, सुषील सहाय, नदीम जाफर, अमित वर्मा, राजकुमार बाजपेई, फसल खान, अजय शर्मा, प्रेमचंद, सविनय, मनुचन्द्रा, रंगनाथ तिवारी आशीष पांडे, मनोज छाबड़ा, नदीम, फूलचन्द, प्रमोद षर्मा, जिय पिंटू, सुरेश वर्मा, सोमेश गुहा, अशफाक, जुनैद, विजय सिंह सनी, शिवम, विनीत वीनू, मन्ना, राजेष कुमार, जयप्रकाश, जुबैर अहमद, सहित बड़ी संख्या में छायाकारों व पत्रकारों ने स्व. मनोज देवगन को श्रदांजलि अर्पित की ।

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