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मोदी सरकार से बातचीत के न्योते पर फैसले के लिए किसानों की मीटिंग जारी

नई दिल्ली(लाइवभारत24)। मोदी सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। सरकार ने किसानों को आज 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इस न्योते पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है। किसानों से बातचीत से पहले सरकार के मंत्री एक अलग मीटिंग करेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर थोड़ी देर में यह मीटिंग शुरू होगी। बताया जा रहा है इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। शाह ने आज BSF राइजिंग डे इवेंट में जाने का शेड्यूल भी टाल दिया है। इसकी वजह एक अहम ऑफिशियल काम होना बताई गई है। हरियाणा से लगे दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बंद कर रखा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली से हरियाणा आवाजाही के लिए झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी NH-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर से मूवमेंट कर सकते हैं। ये बॉर्डर खुले हुए हैं। बदोसराय और झटीकरा बॉर्डर से सिर्फ टू-व्हीलर की आवाजाही की इजाजत है।
किसानों से 3 दिसंबर को बातचीत करने पर अड़ी सरकार ने सोमवार को जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का न्योता दिया गया है। केंद्र के तीनों नए कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में तो प्रदर्शन पहले से चल रहा था, लेकिन 6 दिन पहले पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। सरकार ने किसानों से कहा कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है। किसानों ने सरकार की शर्त नहीं मानी, बल्कि रविवार को कहा कि अब दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करेंगे। किसानों ने कहा कि वे 4 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं। इसके बाद सरकार में बैठकों का दौर शुरू हुआ। रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। सोमवार को फिर मीटिंग हुई। गृह मंत्री के घर हुई बैठक में कृषि मंत्री और भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।
सोमवार की बैठक के बीच ऐसे संकेत मिल रहे थे कि सरकार किसानों को बिना शर्त बातचीत का न्योता भेज सकती है। हुआ भी वही, देर रात सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया। हालांकि, कृषि मंत्री ने जल्द वार्ता के लिए तैयार होने की वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण और सर्दी को बताया।
पंजाब किसान संघर्ष समिति के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा संगठन हैं। सरकार ने सिर्फ 32 समूहों को बुलाया है। जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता, हम बातचीत में शामिल नहीं होंगे। हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है। दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए हंगामे को लेकर अलीपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसा है कि अन्नदाता सड़कों पर धरना दे रहे हैं और झूठ टीवी पर भाषण। किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है।
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां पर जुटे थे।

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