· नए कानून से अयोध्याके 12,000 से ज्यादा छोटे रिटेलर्स और उनके परिवार समेत एक लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका प्रभावित होने का किया दावा

· महामारी के दौरान सहयोग देने के बजाय उत्तर प्रदेश सरकार एवं अयोध्या के प्राधिकारी गरीब रिटेलर्स को और गरीबी में धकेल रहे हैं

अयोध्या(लाइवभारत24)। अयोध्या में तंबाकू उत्पाद बेचने वाले 12,000 से ज्यादा छोटे रिटेलर्स और पानवाला का प्रतिनिधित्व करने वाले तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्याने उत्तर प्रदेश सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा 8 जून, 2021 को जारी किए गए मसौदा प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताईहै, जिसमें शहर में पान, बीड़ी, सिगरेटआदि जैसे तंबाकू उत्पाद बेचने वाले रिटेलर्स के लिए अलग लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही गई है। इस कदम से छोटे रिटेलर्स की आजीविका पर दुष्प्रभाव पड़ेगा और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।

तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्या का यह भी मानना है कि ऐसे कदमों से ज्यादातर अशिक्षित छोटे रिटेलर्स को प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा, जिससे लाइसेंस राज की वापसी होगी। इससे कोविड महामारी के कारण पहले से ही नुकसान का सामना कर रहे रिटेलर्स के कारोबार की लागत तेजी से बढ़ेगी। ये छोटे रिटेलर्स अपने आसपास रोजाना की जरूरत की चीजों जैसे बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी, पान आदि की बिक्री कर अपनी आजीविका चलाते हैं। लॉकडाउन से पहले उनकी कमाई 4,000 से 8,000 रुपये महीना होती थी, जिससे बमुश्किल इनके परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पाता था। महामारी के कारण उनकी कमाई पहले ही बहुत कम हो गई है और प्रस्तावित कानून से कमाई में 60 से 70 प्रतिशत की और कमी हो जाएगी, जो इनके लिए बहुत बड़ा झटका होगा।

तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्याने तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग वाले इस प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने के लिए अयोध्यानगर निगम के मेयर एवं निगम आयुक्त से अपील की है और इस प्रस्ताव के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है। इस कानून से शहर में 12,000 माइक्रो रिटेलर्स पर प्रभाव पड़ेगा, जो परिवारों समेत 1 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका चलाते हैं।

इस मुद्दे के बारे में बताते हुएश्री शिव वर्धन, सचिव, तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्याने कहा, “अयोध्या में, देश के अन्य जगहों की तरह, तंबाकू उत्पादों का खुदरा व्यापार पारंपरिक रूप से 12,000 छोटे दुकानदारों के हाथों में रहा है, जो असंगठित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और छोटी दुकानों से संचालन करते हैं। इन खुदरा विक्रेताओं को लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान हुआ है और वे अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे निराशाजनक समय मेंहम यह देखकर चकित हैं कि उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग और अयोध्या नगर निगम ने छोटे रिटेलर्स का सहयोग करने के बजाय एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है, जो हाशिए पर जी रहे रिटेलर्स का उत्पीड़न कई गुना बढ़ाएगा और व्यापार करने की लागत बढ़ाकर उन्हें बहुत बड़ा झटका देगा। यह समय छोटे और सीमांत रिटेलर्स को राहत प्रदान करने का है और हम नगर निगम से अनुरोध करते हैं कि इस मसौदा प्रस्ताव को लागू न करें और इसके बजाय ऐसी नीतियां बनाएं जो हमारे सदस्यों के लिए आजीविका के अवसरों का निर्माण कर सकें।’

छोटे रिटेलर्स अयोध्या में खुदरा बिक्री की रीढ़ हैं। उन्होंने महामारी के बीच उपभोक्ताओं तक दैनिक उपभोग की वस्तुओं की पहुंच सुनिश्चित की है। ये रिटेलर्स तंबाकू उत्पाद बेचने के अलावा दैनिक जरूरतों का सामान भी बेचते हैं, जिनकी मांग आसपास के लोगों द्वारा बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी आदि के रूप में की जाती है। नतीजतन, तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के लिए अनिवार्य लाइसेंस के किसी भी प्रस्ताव से शहर के इस गरीब वर्ग पर दूरगामी दुष्परिणाम होगा।

एक बड़ी आबादी के आय सृजन में अत्यधिक योगदान देने के बावजूद छोटे रिटेलर्स कोकोविड के कारण लगे लॉकडाउन से बहुत नुकसान हुआ। आज भी इन छोटी दुकानों का कामकाज पूरी तरह पटरी पर नहीं आया है और वे कोरोना से पहले की तुलना में केवल आधा ही कमा रहे हैं। ये रिटेलर्स विज्ञापन निषेध और व्यापार व वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण के नियमन अधिनियम, 2003, सीओटीपीए और इसके तहत नियमों के कारणपहले से ही प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों दैनिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, जो उनकी खराब शैक्षिक पृष्ठभूमि और जागरूकता की कमी का लाभ उठाते हुएकानूनों की गलत व्याख्या करते हैं। चीजों को और बदतर बनाने के लिएशहरी विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने अब मसौदा अधिसूचना पेश की है, जो प्रस्तावित सीओटीपीए संशोधन विधेयक 2020 से अधिक कठोर है। इससे शहर को कोई फायदा नहीं होगाबल्कि भ्रष्टाचार के कारण गरीब दुकानदारों का और ज्यादा उत्पीड़न होगा।

तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्या का मानना है कि निहित स्वार्थों वाले तंबाकू विरोधी गैर सरकारी संगठनों के दबाव में लाया गया प्रस्तावित लाइसेंसिंग कानून केवल छोटे दुकानदारों की आजीविका को खत्म कर तंबाकू के खुदरा व्यापार को विदेशी कंपनियों/सुपरमार्केट/मॉल के हाथ में पहुंचाने में मदद करेगा। हमारा मानना है कि मसौदे में तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के लिए अनिवार्य लाइसेंस जैसे अव्यावहारिक प्रावधान दिखाते हैं कि तंबाकू नियंत्रण कानून बनाने में जुटे अधिकारी सच से कितने दूर हैं। इस तरह के अव्यावहारिक कानून तंबाकू उत्पादों की बिक्री कर जीवन यापन कर रहे शहर के लाखों गरीब लोगों की आजीविका को बर्बाद कर सकते हैं।

भारत में पहले से ही दुनिया का सबसे सख्त कानून है, जिसमें पैकेट पर 85% ग्राफिक स्वास्थ्य चेतावनी, नाबालिगों को बिक्री नहीं करना, शैक्षणिक संस्थानों के आसपास 100 गज की दूरी तक बिक्री नहीं करना आदि जैसे प्रावधान शामिल हैं। तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्या का मानना है कि तंबाकू नियंत्रण/व्यापार के लिए वर्तमान सीओटीपीए 2003 विनियमन के तहत ये कानून पर्याप्त हैं। इसलिए तंबाकू उत्पादों के व्यापार पर कोई नया लाइसेंसिंग नियम लागू करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।

तंबाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ, फैजाबाद, अयोध्या एक बार फिर अयोध्या नगर निगम के मेयर और नगर आयुक्त से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता है कि कृपया शहरी विकास विभाग द्वारा 8 जून, 2021 को जारी तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग पर मसौदा नीति को लागू न करें और इसके बजाय हमारे सदस्यों को कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान से उबरने में मदद करें।

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