सासाराम(लाइवभारत24)। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सासाराम में बिहार चुनाव की अपनी पहली जनसभा में कहा, ‘आपने इन्हें भरोसे के साथ सत्ता सौंपी थी, लेकिन उन्होंने इसे कमाई का जरिया बना लिया। जब सत्ता से बेदखल किया, तो उनके अंदर जहर भर गया। 10 साल तक यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर गुस्सा निकाला।’ मोदी बोले, ‘ये लोग बिहार की हर योजना को लटकाने और भटकाने वाले हैं। 15 साल तक अपने शासन के दौरान इन्होंने बिहार को लूटा-खसोटा है। साथियों, बिहार के लोग कभी कन्फ्यूजन में नहीं होते। चुनाव के इतने दिन पहले ही उन्होंने अपना स्पष्ट संदेश हो रहे हैं। जितनी रिपोर्ट आ रही हैं, सब में यही आ रहा है कि बिहार में फिर एक बार एनडीए सरकार बनने जा रही है।’उन्होने कहा कि‘कोरोना से बचने के लिए जिस तरह यहां सरकार ने काम किया, उसके नतीजे आज दिख रहे हैं। दुनिया के अमीर देशों की हालत किसी से छिपी नहीं है। अगर बिहार में तेजी से काम नहीं हुआ होता तो महामारी हमारे कितने लोगों की जान ले लेती। कितना हाहाकार मचता, इसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। लेकिन, बिहार सारी सावधानियों का पालन करते हुए लोकतंत्र का पर्व मना रहा है।’‘चुनाव में कुछ लोग भ्रम फैलाने के लिए एक-दो चेहरों को बड़ा दिखाने लग जाते हैं। कुछ लोगों के उभरने की बातें फैलाई जाती हैं, लेकिन इससे वोटिंग पर फर्क नहीं पड़ता। बिहार के लोगों ने मन बना लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी फटकने नहीं देंगे।’
‘देश की सुरक्षा हो, बिहार के लोग सबसे आगे रहलन। पुलवामा हमले में बिहार के जवान शहीद हुए, मैं उनके चरणों में शीश नवाता हूं। बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब राज्य को कोई बीमारू नहीं कह सकता। अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ना इसी को कहते हैं। कभी सूरज डूबने का मतलब होता था, दिन की हर गतिविधि खत्म हो जाना। अब सड़कें हैं, बिजली है।’
‘वो दिन घर की बिटिया घर से निकलती थी, वो जब तक लौटकर न आए, माता-पिता की सांस अटकी रहती थी। वो लोग जिन्होंने एक-एक नौकरी को लाखों-करोड़ों कमाने का जरिया माना, वे फिर ललचाई नजरों से देख रहे हैं। हमें याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे। 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद बिहार को डबल इंजन की ताकत मिली, राज्य में ज्यादा तेजी से काम हुआ है।’
‘कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में करोड़ों की मदद भेजी, कई गैस कनेक्शन दिए गए। देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश को बिचौलियों-दलालों से मुक्त कराने का फैसला लिया, ये लोग उन्हीं के पक्ष में खड़े हैं। किसान तो बहाना है, उनके लिए तो बिचौलियों-दलालों को बचाना है।’
‘राफेल के लिए भी ये लोग बिचौलिए-दलाल की भाषा बोल रहे थे। इनके लिए देशहित नहीं, दलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब बिचौलियों-दलालों पर चोट होती है, तब-तब ये लोग बौखला जाते हैं। ये लोग देश को कमजोर कर रहे लोगों का साथ देने से भी चूकते।’
‘ये लोग कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 फिर लागू कर देंगे। इतना सब कहकर ये बिहार के लोगों से वोट मांगने की हिम्मत कर रहे हैं। क्या के बिहार के लोगों का अपमान नहीं है। ये लोग जिसकी चाहे मदद ले लें, देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।’
‘बिहार की हर योजना को ये लोग लटकाने और भटकाने वाले हैं। 15 साल तक अपने शासन के दौरान इन्होंने बिहार को लूटा-खसोटा। आपने इन्हें भरोसे के साथ सत्ता सौंपी थी, लेकिन उन्होंने इसे कमाई का जरिया बना लिया। जब सत्ता से बेदखल किया, तो उनके अंदर जहर भर गया। 10 साल तक यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर गुस्सा निकाला।’
‘तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री हुआ करता था। नीतीश कहते थे कि दिल्ली को बिहार का अखाड़ा मत बनाइए। उनके साथ मिलकर नीतीशजी ने सरकार बनाई। सब जानते हैं कि उन 18 महीनों में क्या हुआ? नीतीश इस खेल को भांप गए कि बिहार 15 साल पीछे चला जाएगा। बिहार के विकास के लिए हम फिर नीतीशजी के साथ आए। मुझे अभी नीतीशजी के साथ काम करते हुए 4-5 साल ही हुआ है।’
इसके बाद प्रधानमंत्री गया जाएंगे। वहां 12:20 बजे उनकी सभा होगी। उसके बाद फिर भागलपुर में 2:40 बजे जनसभा को संबोधित करेंगे। मोदी की सभी सभाओं में उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे। खास बात ये है कि कोरोना ने इस बार कई नेताओं को प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने से रोक दिया है। हर आदमी को थर्मल स्क्रीनिंग करके ही अंदर आने की इजाजत दी गई। सबको मास्क पहनना अनिवार्य रखा गया।
पहले फेज के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री के प्रचार से NDA को काफी उम्मीद है। मोदी 12 दिनों में 12 रैलियां करेंगे। 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैली करेंगे।

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