नई दिल्ली(लाइवभारत24)। विश्व में कोरोना संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ के पार हो गए हैं। छह महीने पहले दुनियाभर में 300 से भी कम केस थे। इनमें भी ज्यादातर मामले चीन में ही थे। इन छह महीनों में कोरोना दुनिया के 215 देशों तक पहुंच चुका है। चीन जहां से कोरोना की शुरुआत हुई, वहां ये कंट्रोल कर लिया गया। लेकिन, भारत, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में इस वक्त ये सबसे तेजी से बढ़ रहा है। पहले 50 लाख केस होने में 186 दिन लगे थे। 50 लाख से एक करोड़ केस होने में 38 दिन लगे, तो एक से डेढ़ करोड़ केस सिर्फ 25 दिन में आ गए। भारत में पिछले बीस दिन में हर दिन आने वाले कोरोना के मामलों में 65% का इजाफा हुआ है। ये इजाफा अमेरिका से ढाई गुना ज्यादा है। जून की शुरुआत में देश में हर दिन औसतन 9,115 मामले आ रहे थे। पिछले 50 दिन में हर दिन आने वाले मामलों में 300% से ज्यादा का उछाल है। हम यहां भी अमेरिका के मुकाबले ज्यादा हैं। मई की शुरुआत में हर दिन 2,907 मामले आ रहे थे। तब से अब तक हर दिन आने वाले मामलों में 1171% का इजाफा हुआ है। हमारे देश में संक्रमण की रफ्तार हर महीने तेजी से बढ़ रही है। इस वक्त दुनिया में रोज 2 लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। इनमें से 20% मरीज भारत में मिल रहे हैं। इस वक्त दुनिया के एक चौथाई मरीज सिर्फ अमेरिका में हैं। अमेरिका और ब्राजील में हर रोज आने वाले मामले स्थिर हो चुके हैं। लेकिन, भारत में इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे दुनिया में रोज मिलने वाले मरीजों में भारत की हिस्सेदारी और बढ़ने की आशंका है।
दुनियाभर में रोज मिल रहे मरीजों में भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। 15 मई तक दुनिया के 3.8% मरीज भारत में मिल रहे थे। एक जून तक ये हिस्सेदारी बढ़कर 7.3% हो गई। 15 जून तक दुनिया के 8.1% मरीज भारत में आने लगे। एक जुलाई तक ये हिस्सेदारी 10.8% तक पहुंच गई। 21 जुलाई तक दुनिया के 20% मरीज भारत में मिलने लगे।
कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज अमेरिका में है। ये रफ्तार लगातार बढ़ रही है। एक से पांच जुलाई के दौरान यहां हर दिन औसतन 53 हजार से ज्यादा मामले आ रहे थे। 17 से 21 जुलाई के दौरान ये औसत बढ़कर 67 हजार के करीब पहुंच गया। यानी, पिछले बीस दिन में हर दिन मिलने वाले मामले 27% बढ़े हैं। जून की शुरुआत में हर दिन औसतन 22,765 मामले आ रहे थे। पिछले 50 दिन में इसमें 200% का इजाफा हुआ है। हालांकि, मई की शुरुआत के मुकाबले जून की शुरुआत में अमेरिका में कम मामले आ रहे थे। लेकिन इसके बाद ये लगातार बढ़ रहा है। ब्राजील इस वक्त दुनिया का दूसरा सबसे संक्रमित देश है, लेकिन जुलाई में यहां कोरोना की रफ्तार पर थोड़ा ब्रेक लगा है। महीने की शुरुआत में यहां हर रोज औसतन 39,220 मामले आ रहे थे। जो 21 जुलाई तक घटकर 30,359 हो गए। यानी, 21 दिन में ब्राजील में हर रोज आने वाले मामलों में 23% से ज्यादा की कमी आई है।
रूस में भी हर दिन आने वाले मामलों की रफ्तार लगातार कम हो रही है। रूस में जुलाई की शुरुआत में जहां हर रोज औसतन 6 हजार 880 मामले आ रहे थे। 16 से 20 जुलाई के दौरान यहां हर रोज औसतन 5 हजार 35 मामले आए। यानी, पिछले बीस दिन में रूस में हर रोज आने वाले मामलों में 27% की कमी आई है। साउथ अफ्रीका उन देशों में शामिल है जहां जुलाई में सबसे तेजी से संक्रमण फैल रहा है। जून की शुरुआत में यहां हर रोज औसतन 2,150 मामले आ रहे थे। 17 से 21 जुलाई के दौरान हर रोज औसतन 11,515 मामले आए। यानी, पिछले 50 दिन में हर रोज आने वाले मामलों में 482% का इजाफा हुआ है। ये बढ़त भारत और अमेरिका से भी ज्यादा है। इस वक्त रोज आने वाले मामलों में दुनिया के 20% केस भारत में आ रहे हैं। जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी 30% से ज्यादा है। पिछले बीस दिन में यहां हर रोज आने आने वाले मामलों में 37% का इजाफा हुआ है। यानी, जुलाई के लिहाज से देखें तो सबसे संक्रमित दस देशों में हर रोज आने वाले मामलों में भारत के बाद सबसे ज्यादा इजाफा साउथ अफ्रीका में ही है।
पेरू में 15 जून तक तेजी से कोरोना फैल रहा था। हर दिन आने वाले मामलों की संख्या 5 हजार को पार कर गई थी। जुलाई की शुरुआत में ये गिरकर साढ़े तीन हजार तक आ गई। 17 से 21 जुलाई के दौरान हर रोज औसतन 3,991 नए मामले सामने आए। यानी, जुलाई की शुरुआत के मुकाबले 17% ज्यादा मामले। मैक्सिको में हर दिन आने वाले मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मार्च के शुरुआती 5 दिनों में दो से तीन दिन में एक मामला आ रहा था। अप्रैल शुरू हुआ तो हर रोज 159 मामले आने लगे। मई की शुरुआत में आंकड़ा डेढ़ हजार के करीब पहुंच गया तो जून के शुरू में साढ़े तीन हजार। जब जुलाई शुरू हुई तो हर रोज 6,302 दो मामले आ रहे थे। 17 से 21 जुलाई के बीच ये औसत बढ़कर 6,352 पहुंच गया। दुनिया के दस सबसे संक्रमित देशों में भारत, साउथ अफ्रीका और मैक्सिको ही ऐसे देश हैं जहां हर रोज आने वाले मामलों की रफ्तार लगातार बढ़ी है। दुनिया के दस सबसे संक्रमित देशों में से चार देश ऐसे हैं जहां कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगा है। रूस में जहां मई में 12 हजार के करीब मामले भी आए लेकिन उसके बाद हर रोज आने वाले मामलों का औसत घटा। ऐसे ही चिली में 17 जून के बाद हर रोज आने वाले मामलों का औसत लगातार घट रहा है।
ब्रिटेन में अप्रैल में सबसे ज्यादा औसतन साढ़े पांच हजार के करीब मामले आ रहे थे। उसके बाद यहां हर रोज आने वाले मामलों का औसत लगातार घटा है। जुलाई की शुरुआत में ये औसत कुछ सौ तक चला गया था। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में यहां मामले फिर आने लगे हैं।

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