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अब हिंसक रूप लेने लगा महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम

मुंबई (लाइवभारत24)। सत्ता का संग्राम महाराष्ट्र में अब हिंसक रूप लेने लगा है। शुक्रवार को कुर्ला में शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुंडालकर के दफ्तर पर कुछ लोगों ने हमला किया है। उन्होंने मेन गेट पर तोड़फोड़ की है। उनके पोस्टर और नेम प्लेट तोड़े गए हैं। अहमदनगर में भी बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे की तस्वीर पर कालिख पोती गई है। यहां उद्धव समर्थकों ने शिंदे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही उन्हें गद्दार बताया। साकीनाका इलाके में भी बागी विधायक दिलीप लांडे के पोस्टर फाड़े गए हैं। लांडे गुरुवार को ही गुवाहाटी पहुंचे थे और शिंदे को अपना समर्थन दिया था। बागी विधायकों के समर्थकों का आरोप है कि तोड़फोड़ करने वाले ये लोग उद्धव ठाकरे के लोग हैं। तोड़फोड़ की घटना के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया है।
इधर, मातोश्री में महा विकास अघाड़ी गठबंधन के प्रमुख सहयोगी NCP और उद्धव ठाकरे के बीच 2 घंटे चली बैठक खत्म हो गई है। इसमें NCP चीफ शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार, कैबिनेट मिनिस्टर जयंत पाटिल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और संजय राउत शामिल थें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीटिंग में पवार ने उद्धव से साफ शब्दों में कहा है कि बागी विधायकों की संख्या 40 से ज्यादा है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट करवाने की स्थिति में गठबंधन की किरकिरी होगी।रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद ने उद्धव को इस्तीफा देने का सुझाव दिया है। वहीं उद्धव ठाकरे ने शनिवार दोपहर एक बजे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। इधर, चौथे दिन महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई आर-पार के मूड में आ गई है। मातोश्री में एक मीटिंग के दौरान शिवसेना चीफ उद्धव ने कहा कि ठाकरे का नाम लिए बिना ये लोग नहीं रह सकते हैं। कभी शिवसेना के लिए मरने की बात कहते थे, अब पार्टी तोड़ना चाहते हैं। मैंने CM हाउस छोड़ा है, मुख्यमंत्री का पद नहीं। वहीं गुवाहाटी से मुंबई के लिए निकले बागी नेता एकनाथ शिंदे शहर में 3 घंटे घूमने के बाद वापस होटल लौट आए हैं। शिंदे गुट के 2 निर्दलीय विधायक महेश बलदी और विनोद अग्रवाल ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने के लिए नोटिस दिया है। नरहरी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिना सलाह लिए अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता चुन लिया। उद्धव सरकार ने बागी 40 विधायकों के निजी सचिव अधिकारी, कमांडो और कांस्टेबल के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया है।शिवसेना ने 4 और विधायकों को अयोग्य ठहराने की चिट्ठी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को भेजी है। शिवसेना ने गुरुवार को 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चिट्ठी पहले ही लिख चुकी है। शिवसेना की लीगल टीम भी विधानसभा पहुंची है। शिवसेना के विधायकों का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे कैंप को जॉइन करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार सुबह खबर आई है कि मुंबई से दो और शिवसेना विधायक दिलीप लांडे और भास्कर जाधव गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए हैं। भाजपा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखा है। पत्र में सियासी हलचल पर राज्यपाल से हस्तक्षेप और सरकार की ओर से लगातार लिए जा रहे फैसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। पत्र में आगे कहा गया है- 160 से अधिक के सरकारी आदेश 48 घंटे के भीतर जारी किए गए हैं। विकास परियोजनाओं की आड़ में हो रही इस तरह की घटना संदेह पैदा कर रही है।
शिंदे कैंप को अब तक 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल चुका है। 5 निर्दलीय विधायक गुरुवार देर रात मुंबई से सूरत पहुंचे और गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, 9 निर्दलीय विधायक राजकुमार पटेल, चंद्रकांत पाटिल, नरेंद्र भोंडेकर, किशोर जोर्गेवार, मंजुला गावित, विनोद अग्रवाल, गीता जैन, बच्चू कडू और राजेंद्र यडरावकर पहले से ही गुवाहाटी में मौजूद हैं।

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने खुद को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है। उन्होंने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें उनके समर्थन में 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।

गुरुवार को महाराष्ट्र के सियासी घमासान का तीसरा दिन था। देर शाम तक सामने आए एक वीडियो में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने आखिरकार इशारों में बता ही दिया कि उनके पीछे कौन सी महाशक्ति काम कर रही है। उन्होंने समर्थक विधायकों से बताया कि जो कुछ भी सुख-दुख है, वह हम सभी का एक है। चाहे जो कुछ हो जाए, हम सब एकजुट हैं और वह भी हमारे अपने ही हैं। वे नेशनल पार्टी हैं। वे महाशक्ति हैं।
इस बीच NCP चीफ शरद पवार ने कहा कि बागियों को बड़ी कीमत चुकानी होगी। उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने नाराज विधायकों को मनाने के लिए महा विकास अघाडी गठबंधन (MVA) से अलग होने की बात कही।
​​बागी कैंप के सभी विधायकों ने उद्धव को एक चिट्ठी भी लिखी। चिट्ठी में लिखा- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। गुवाहाटी होटल के बाहर TMC कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

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