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पाकिस्तान ने एफएटीएफ में ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए 88 आतंकियों पर लगाए प्रतिबंध

पाकिस्तान ने पहली बार माना- दाऊद इब्राहिम के पास 14 पासपोर्ट और कराची में 3 घर 

इस्लामाबाद(लाइवभारत24)। अक्टूबर में होने वाली एफएटीएफ की मीटिंग से पहले पाकिस्तान ने 88 आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए। इसका मकसद ब्लैक लिस्ट होने से बचना है। पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में है। जिन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे मुख्य तौर पर आईएस, अल कायदा और तालिबान के छोटे संगठनों से जुड़े हैं। अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही बना रहता है या फिर उसे ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो उसे आईएमएफ समेत दूसरे संगठनों से कर्ज मिलना नामुमकिन हो जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब एफएटीएफ की मीटिंग से पहले पाकिस्तान ने दिखावे के तौर पर आतंकियों या आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की हो।दाऊद 1993 के मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद से भारत से भाग गया था। तभी से उसके पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में होने की खबरें आती रहीं।
दाऊद इब्राहिम पर 27 साल से जारी ना-नुकुर के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार अपने मुल्क में उसकी मौजूदगी की बात कबूल कर ली है। पाकिस्तान ने शनिवार को 88 आतंकियों की लिस्ट जारी की। इसमें 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम का भी नाम है। बड़ी बात यह कि इस लिस्ट में दाऊद के नाम के साथ यह भी बताया गया है कि वह 14 पासपोर्ट रखता है और कराची में उसके तीन घर हैं। दाऊद 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद पाकिस्तान भाग गया था। इन धमाकों में 257 की जान चली गई थी और 1400 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। इसके बाद दाऊद के पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में होने की खबरें आती रहीं, लेकिन पाक ने उसकी मौजूदगी के बारे में खुलकर कभी नहीं कबूला।पिछले साल मई में भी उसने 8 आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस बार 88 आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन आतंकियों के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी सीज कर दी गई हैं। साथ ही इन पर ट्रैवल बैन भी लगाया गया है। कुछ दिन पहले यूएन ने भी टेररिस्ट लिस्ट जारी की थी। इनमें कई आतंकी पाकिस्तान में मौजूद हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- हम यूएन चार्टर के हिसाब से कदम उठा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि दूसरे देश भी पाकिस्तान के इस कदम का समर्थन करते हुए ऐसा ही करेंगे। इन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग की। इसमें देश की अर्थ व्यवस्था और एफएटीएफ की मीटिंग के बारे में चर्चा हुई। पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है। सऊदी अरब ने उसे कर्ज और ऑयल देने से साफ इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं सऊदी सरकार ने पाकिस्तान से साफ कह दिया है कि उसे इस साल के अंत तक 6.2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना होगा। पाकिस्तान जून 2018 से ग्रे लिस्ट में है।

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