लखनऊ (लाइवभारत24)। देश की अग्रणी एनबीएफसी और सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी पावर फाइनेंस काॅर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने आज कहा कि कंपनी ने 2030 तक देश के 450 गीगावाॅट के अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को निधि उपलब्ध कराने के लिए अच्छी तैयारी कर रखी है। कंपनी पहले से ही देश भर में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विद्युत उत्पादन परियोजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी निकट भविष्य में पर्यावरण उन्नयन योजनाओं को लागू करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी काम कर रही है, जैसे कोयला आधारित उत्पादन संयंत्रों द्वारा स्थापित की जाने वाली फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन स्कीम। पिछले एक साल में, पीएफसी ने ऐसी पर्यावरण उन्नयन परियोजनाओं में 11,000 करोड़ रुपए के ऋण को मंजूरी दी है, जो लगभग 19,000 मेगावाट बिजली उत्पादन को कवर करती है। पीएफसी अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनियों को धन मुहैया कराने पर भी फोकस कर रही है, ताकि मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए, पीएफसी ने अपने एमओए में भी संशोधन किया है, ताकि ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न व्यवसायों को आसानी से फाइनेंस उपलब्ध कराया जा सके। पीएफसी को गुजरात में 1,700 करोड़ रुपये के सौर सेल के निर्माण के लिए दो प्रस्ताव मिले हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और चार्जिंग से संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना पर भी पीएफसी की निगाहें हैं। लगभग 1,000 इलेक्ट्रिक बसों को वित्तपोषण के लिए कंपनी के पास दो प्रस्ताव हैं।हाल ही में, पीएफसी ने तेलंगाना में एक लिफ्ट सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दी है। रायलसीमा क्षेत्र में लिफ्ट सिंचाई के लिए इसी तरह की परियोजनाओं के साथ आंध्र प्रदेश भी आगे आया है जहां पीएफसी ने 1,200 मेगावाट केी एक पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसके अलावा, पीएफसी गुड़गांव और जयपुर के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं की फंडिंग भी कर रहा है और अन्य शहरों के लिए भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। पीएफसी फाइनेंसिंग पर भी बड़ा दांव लगा रहा है, साथ ही, स्वतंत्र ट्रांसमिशन परियोजनाओं में भी संभावनाएं तलाश रहा है। इस संदर्भ में, पीएफसी ने हाल ही में स्टरलाइट पावर को इसके एक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के लिए 2,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है।