नई दिल्ली(लाइवभारत24)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की। बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव से योजना से शुरुआत हुई। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत लद्दाख में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ की। उन्होंने कहा कि शहीदों को परिवारों को भरोसा दिलाता हूं कि पूरा देश उनके साथ है। माना जा रहा है कि बिहार से योजना शुरू करने की वजह राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं।
जब कोरोना महामारी का संकट बढ़ना शुरू हुआ तो आप सभी लोग राज्य और केंद्र सरकार की चिंताओं में बने हुए थे। हमने अपने श्रमिक भाई बहनों के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाईं। कोरोना का इतना बड़ा संकट, जिसके कारण दुनिया सहम गई, लेकिन आप डटकर ठहर गए। भारत के गांवों ने कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है उसने शहरों को भी सबक दिया है। कोरोना संक्रमण को गांव के लोगों ने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है। गांवों की जनसंख्या 80-85 करोड़ हैं, जो पूरे यूरोप, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा है। इस जनसंख्या का कोरोना से मुकाबला करना बहुत बड़ी बात है। पंचायत तक हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं, चिकित्सा सुविधाएं, वेलनेस सेंटर स्वच्छता अभियान की अहम भूमिका रही है।
मुझे बताया गया है कि परसों से पटना में कोरोना टेस्टिंग की बड़ी आधुनिक टेस्टिंग मशीन शुरू होने वाली है। इस मशीन से हर दिन करीब 1500 टेस्ट संभव होंगे। आज गरीब के कल्याण के लिए उसके रोजगार के लिए बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। यह हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए गांव में रहने वाले नौजवानों को समर्पित हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं, जो लॉकडाउन में अपने गांव लौटे हैं।
मैंने एक उत्तर प्रदेश की एक खबर देखी। वहां कुछ श्रमिक क्वारैंटाइन में रखे गए थे। इन्हें रंगाई-पुताई और पीओपी के काम में महारत थी। उन्होंने सोचा कि पड़े रहेंगे, इससे कुछ हुनर का इस्तेमाल करें। उन्होंने स्कूल को रंगाई-पुताई करके बढ़िया बना दिया। इसने मेरे मन को प्रेरणा दी। तभी इस योजना का आइडिया आया ।
इसके तहत अलग-अलग गांव में कहीं गरीबों के लिए पक्के घर भी बनेंगे। कहीं शेड बनाए जाएंगे। कहीं जल-जीवन मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा। कहीं जरूर है, सड़कों के निर्माण पर भी उतना ही जोर दिया जाएगा। जहां पंचायत भवन नहीं हैं, वहां पंचायत भवन भी बनाए जाएंगे। साथ-साथ इस अभियान से आधुनिक सुविधाओं से भी गांवों को जोड़ा जाएगा। गांव में सस्ता और तेज इंटरनेट होना जरूरी है, ताकि हमारे बच्चे पढ़ सकें। गांव में शहरों से ज्यादा इंटरनेट इंस्तेमाल हो रहा है। गांव में फाइबर केबल पहुंचे, इससे जुड़े काम भी होंगे। ये काम गांव के ही लोग करेंगे। आप लोग ही करेंगे।