Prasun-Sikdar-Manipal-Cigna

लखनऊ (लाइवभारत24)। कोविड-19 महामारी ने हमारे स्‍वयं के और हमारे प्रियजनों केस्‍वास्‍थ्‍य के लिए हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल्‍स, हेल्‍थकेयर सिस्‍टम्‍स और हमारे व्‍यक्तिगत कर्तव्‍यों को सजगकर दिया है। आज, अपने और अपने परिवार का स्‍वास्‍थ्‍य कीप्राथमिकता सभी के लिए सर्वोपरि है और हर व्‍यक्ति अपने परिवार के स्‍वास्‍थ्‍यएवं कुशलता को प्राथमिकता देने हेतु हरसंभव प्रयास कर रहा है। जैसा कि हम सभीजानते हैं, हृदय रोग जैसी समस्‍याओं से जूझ रहे मरीजों कोकोविड-19 वायरस का विशेष रूप से खतरा है और इस प्रकार बढ़ते मामलों के बीच,हर किसी के लिए स्‍वस्‍थ हृदय के अनुकूल जीवनशैली के बारे मेंजागरूकता बढ़ाना अब सबसे ज्‍यादा जरूरी हो गया है, ताकिहृदय-रोग का खतरा घटे और जीवन की गुणवत्‍ता बेहतर हो। प्रसून सिकदर, प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी,मणिपाल सिग्‍ना हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड के अनुसार, इसलिए इस वर्ष, विश्‍व हृदय दिवस (वर्ल्‍ड हार्ट डे) – जो कि कार्डियोवैस्‍क्‍यूलरबीमारियों (सीवीडी) के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु वर्ल्‍ड हार्ट फेडरेशन कीएक पहल है – पर, हमें अपने और अपने प्रियजनों के हृदय कीदेखभाल करने की शपथ लेनी होगी और यह संकल्‍प लेना होगा कि हम सोशल डिस्‍टेंसिंग कापालन एवं सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्‍क्‍स पहनना सुनिश्चित करते हुए अपना खानपान स्‍वस्‍थरखें, अधिक व्‍यायाम करें, स्‍वयं को अधिकसक्रिय रखें, एक-दूसरे की कुशलता का ध्‍यान रखें, तभी हम राष्‍ट्र के स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण की रक्षा कर सकेंगे।वर्ल्‍ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, हृदय-रोग को मूक-मारक (साइलेंट किलर) के रूप में जाना जाता है जो कि हर वर्ष 17.5 लोगों की जानले लेता है जो दुनिया में होने वाली कुल मौतों का 31 प्रतिशत है। मणिपाल सिग्‍नाके 3600 वेल-बीइंग सर्वे 2019 के मुताबिक, 77 प्रतिशत प्रतिक्रियादाताओं ने माना कि स्‍वस्‍थहृदय के लिए जीवनशैली में बदलाव अत्‍यावश्‍यक है। अभी भी स्थिति यह है कि इसकेलक्षणों का अनुभव कर चुके 6 में से 1 व्‍यक्ति ने इच्‍छापूर्वक इसकी अनदेखी की है।जिन लोगों ने इसके लिए उपाय किये, उनमें से अधिकांश ने व्‍यायाम,तनाव घटाकर एवं अपने आहार में बदलाव करके स्‍वयं से प्रबंधित करनेका निर्णय लिया, और मात्र 24 प्रतिशत हृदय के स्‍वास्‍थ्‍यके प्रबंधन हेतु वीयरेबल्‍स का उपयोग करते हैं, जो कि हमारेद्वारा पूर्णतरू हार्ट स्‍मार्ट होने का दावा करने से पहले इसे बेहतर तरीके सेसमझने की आवश्‍यकतता पर जोर देता है।सामान्‍य तौर पर, लोग हृदय के स्‍वास्‍थ्‍य को समझने, इसेपहचानने और संबंधित समस्‍या के हल के लिए ऑनलाइन माध्‍यमों का सहारा लेते हैं। आगे,यह बात भी चिंताजनक है कि अधिक उम्र वाले लोगों की तुलना मेंमिलेनियल्‍स में हृदय रोग के लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं और इसका कारण लगातारबढ़ता तनाव, अस्‍वास्‍थ्‍यकर आहार, व्‍यायामन करना एवं मोटापा है। लेकिन अपने जीवन में बस थोड़े से बदलाव लाकर इस प्रवृत्ति मेंपरिवर्तन लाया जा सकता है। लोग, हृदय रोग एवं दौरे के खतरेको कम कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्‍ता को बेहतर बना सकते हैं। कम उम्र से ही हृदय को स्‍वस्‍थ बनाये रखना इसमें सहायक है।इसके लिए कार्डियो एक्‍सरसाइजेज करना और ग्रहण किये जाने वाले कोलेस्‍ट्राल कीमात्रा को नियंत्रित रखना शामिल है। लोगों को यह जानकारी दी जानी चाहिए कि हृदय केस्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में, बॉडी मास इंडेक्‍स (बीएमआई) और ब्‍लड प्रेशर अच्‍छे संकेतक हैं। वजन बढ़नेसे हृदय की क्रिया बढ़ जाती है, जिससे व्‍यक्ति का रक्‍तचापबढ़ जाता है और इसके चलते रक्‍तवाहिनियों को नुकसान पहुंच सकता है। मौजूदा हार्ट हेल्‍थ रैंक के बावजूद, आप जीवनशैली में हमेशा ऐसे बदलाव लाना शुरूकर सकते हैं जिससे आगे आपका हृदय सुरक्षित रहे। अपने किसी दोस्‍त के साथ रोजानाटहलने या योग करने जाने, अगली बार किराने पर दुकान पर जानेसे पहले स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक खाद्य पदार्थों को सूची में शामिल करने, शारीरिक जांच के लिए किसी डॉक्‍टर से अपॉइंटमेंट लेकर मिलने जैसे उपायोंसे कोलेस्‍ट्राल और रक्‍तचाप के स्‍तर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। ऐसेछोटे-छोटे उपायों के जरिए अपने हृदय और संपूर्ण शरीर के स्‍वास्‍थ्‍य में बड़ापरिवर्तन लाया जा सकता है।साथ ही, पिछले दो दशकों में भारत में हृदय-रोग और दौरे की घटनाओं में चिंताजनक रूपसे वृद्धि हुई है। सामान्‍य तौर पर, हम चिंताजनक बीमारियोंके बारे में सोचने से परहेज करते हैं और इसके लिए पहले से कोई निश्चित प्‍लानिंगनहीं करते हैं। जब ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है, तो हमबिल्कुल घबरा जाते हैं। इस प्रकार, ऐसी किसी भी अनहोनीस्थिति का आराम से सामना करने के लिए, यह जरूरी है कि हमपहले से सतर्क रहें और हमारे पास हर समय पर्याप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य बीमा हो, ताकि किसी भी आकस्मिक चिकित्‍सा स्थिति में हमारी बचत का कुल पैसा खर्च नहो जाये। ऐसे अनिश्चितताओं भरे समय में, यह हमारी भी जिम्‍मेवारी बनती है कि हमलोगों को बतायें कि श्सार्वजनिक जगहों पर श्मास्‍क पहनना जरूरी हैश्, ताकि कोविड-19 के प्रकोप कोरोका जा सके और हृदय रोग से पीडि़त लोगों को बचाया जा सके। इसके अलावा, हमें समझना होगा कि यह सभी के लिए तनावपूर्ण समय है, और लोगों के मानसिक एवं शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर इसका सबसे अधिक प्रभावपड़ता है। इसलिए, यह समान रूप से महत्‍वपूर्ण है कि हम दोस्‍तों,परिजनों या ऐसे अन्‍य लोगों से बातचीत करके जानने की कोशिश करें किकहीं उन्‍हें हमारी सहायता की जरूरत तो नहीं है। बस कॉल या मैसेज के जरिए किसी काहालचाल पूछने मात्र से व्‍यक्ति के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर काफी सकारात्‍मक असरहोगा और शायद, कार्डियोवैस्‍क्‍यूलर बीमारियों से पीडि़तलोगों को सहायता भी मिल सकेगी। इसलिए, इस वर्ल्‍ड हेल्‍थ डे पर, आइए हम सब इन तीन चीजो कोकरने का वचन लें, पहला, कोविड-19 कोदूर रखने के लिए श्मास्‍क पहनना जरूरी हैश्, दूसरा, महामारी के चलते लागू फिजिकल डिस्‍टेंसिंग केकारण, अपने प्रियजनों से आमने-सामने भेंट कर पाना काफीमुश्किल है, और इससे लोगों में तनाव पैदा हो सकता, इसलिए अधिक जुड़ाव महसूस कराने, चिंता कम करने और मनको सुकून देने के लिए श्बात की जायेश्। औरतीसरा व अंतिम, हम अपना और अपने परिवार के हृदय के स्‍वास्‍थ्‍यका ख्‍याल रखें और इसके लिए कुछ कदम उठायें!! आखिरकार,हेल्‍थ है तो लाइफ है।

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