लखनऊ(लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत प्रदेश में होने वाले फलों और सब्जियों के सरप्लस उत्पादन को कम आवक वाली बाजार में परिवहन के माध्यम से भेजने पर कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान और फल या सब्जी को शीतगृह में या अन्य किसी वेयरहाउस में भंडारित करने पर 50 प्रतिशत के अनुदान की व्यवस्था है। यह योजना अभी 6 माह के लिए लागू की गई है और आवश्यकतानुसार इसे बढ़ाया जा सकता है। फल एवं सब्जियों के उत्पादक कलस्टर इस योजना के पात्र हैं। इस योजना में केला के 4, आंवला के 4, अमरूद के 15, आम के 16, बींस के 9, लौकी के 20, बैंगन के 23, बंद गोभी के 13, शिमला मिर्च के 15, फूल गोभी के 28, हरी मिर्च के 17, भिंडी के 24, प्याज के 26, मटर के 10, आलू के 17, मूली के 20, शकरकंद के 12, टमाटर के 19 और तरबूज के 10 कलेक्टर स िमलित किए गए हैं। इस योजना का लाभ कोई भी खाद्य प्रसंस्करणकर्ता, एफपीओ, सहकारी समितियां व्यक्तिगत किसान, लाइसेंस धारी कमीशन एजेंट, निर्यातक राज्य सहकारी विपणन संघ और प्रोसेसिंग एवं विपणन फुटकर व्यवसायी ले सकते हैं। श्री मौर्य ने बताया कि सरप्लस उत्पादन से उपभोग करने वाले केंद्र के बाजार तक परिवहन की सुविधा पर अनुदान देय है जब चिन्हित उत्पादन केंद्र में होने वाली फल, सब्जी का मूल्य यदि गत 3 वर्षों का औसत बाजार मूल्य से कम हो या गत वर्ष के बाजार मूल्य से 15 प्रतिशत कम हो गए हो, या केंद, राज्य सरकार द्वारा विशेष समय के लिए निर्धारित बेंच मार्क मूल्य से कम होने पर देय है। परिवहन व्यक्तिगत किसान, सहकारी समिति, एफपीओ, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता, निर्यातक, लाइसेंसधारी कमीशन एजेंट .न्यूनतम 100 किलोमीटर के लिए एफुटकर व्यापारी एराज्य सहकारी विपणन संघ न्यूनतम 250 किमी के लिए होगी। सरप्लस उत्पादन के भंडारण, उत्पादक कलस्टर में या उपभोग केंद्र पर अधिकतम 3 माह के लिए ही अनुदान देय है। परिवहन एवं भंडारण से संबंधित भुगतान बैंक के माध्यम से ही होगा। इस योजना में अधिकतम अनुदान की सीमा प्रति आवेदनकर्ता 6 माह मे एक करोड़ होगी। भंडारण व परिवहन पर लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स पर अनुदान की सुविधा नहीं होगी। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एस बी शर्मा ने बताया कि पात्र आवेदनकर्ता ऑनलाइन पोर्टल पर कर सकते हैं। केंद्र स्तर पर नाफेड तथा राज्य स्तर पर हाफेड के माध्यम से योजना का संचालन होगा।

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