केजीएमयू प्रशासन ने झाड़ा पल्ला, निजी अस्पताल में मिला इलाज

लखनऊ (लाइव भारत 24)। राजधानी के मातृ एवं शिशु अस्पताल क्वीन मैरी में अपने ही कर्मचारी के बेहोश होने पर उसे इलाज न देने का मामला सामने आया है । क्वीन मैरी में ड्यूटी के समय एक स्टाफ नर्स के  बेहोश होने पर किसी भी अधिकारी मामले को गम्भीरता से  नहीं लिया। जिसके बाद जब मरीज को अन्य कार्मिक साथी ट्रामा लेकर पहुंचे तो ट्रामा में भी नर्स को भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद स्टाफ नर्स को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
मंगलवार को आउटसोर्सिंग कर्मचारी अध्‍यक्ष रितेश मल्‍ल ने बताया कि क्‍वीनमैरी हॉस्पिटल के नियोनेटल विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग स्‍टाफ नर्स को आज ड्यूटी करते समय अचानक पेट में दर्द होने लगा, दर्द जब बढ़ने लगा तो उसे इमरजेंसी में सलाह दी गयी। मगर इलाज नहीं मिला।
जानकारी के मुताबिक राजधानी के क्वीन मेरी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक विभाग के एनएनयू में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत स्टाफ नर्स रूपा मिश्रा सुबह ड्यूटी के समय बेहोश हो गई। जिसके बाद अस्पताल में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में महिला की सहकर्मिया उसे ट्रामा लेकर गई। ट्रामा पहुंचने पर नर्स का पर्चा बनाया गया और सभी प्रक्रिया भी पूरी की गई । लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद मरीज की हालत खराब होते देख उसे सहकर्मियों ने पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। भर्ती करने के कुछ देर बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

वहीं, केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि मीडिया ग्रुप में एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि स्टाफ नर्स को ट्रामा में उपचार नहीं मिला। ट्रामा प्रभारी द्वारा बताया गया है कि यह वीडियो ट्रामा का नहीं है। ट्रामा प्रभारी को इस संदर्भ में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। चिकित्सा अधीक्षक को भी इससे संदर्भित शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है। रोगियों और कर्मियों का हित विश्वविद्यालय के लिये सर्वोपरि है। उपचार में लापरवाही अथवा कर्मियों की उपेक्षा संभव ही नहीं है। वीडियो से कुछ भी स्पष्ट नहीं है, तथापि इस प्रकार की यदि कोई भी  शिकायत प्राप्त हुई तो विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें