लखनऊ(लाइवभारत24)। ग्राहकों को बैंकिंग बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स की सेवाएं प्रदान करने वाली देश की सबसे तेजी से बढ़ती फिनटेक कंपनी रैपीपे ने हाल ही देशभर में माइक्रो एटीएम लॉन्च किए हैं। रैपीपे, जो कैपिटल इंडिया फाइनेंस लिमिटेड की फिनटेक सब्सिडीइरी है, का मानना है कि ।ज्ड से नकद निकासी की जरूरतों को देखते हुए माइक्रो ।ज्ड भारतीय उपभोक्ताओं, खासकर टीयर 2, 3 शहरों और ग्रामीण भारत में रहने वाले वंचित वर्ग की आबादी के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इसके अलावा, रैपीपे, बीसी मॉडल ने भारतीय रिटेलर्स को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके “आत्मानिभर भारत” पहल में एक मजबूत भूमिका निभा रहा है। इस नई सेवा के लॉन्च पर रैपीपे के एमडी और सीईओ श्री योगेंद्र कश्यप ने कहा, ‘‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे माइक्रो एटीएम को बाजार में शानदार रिस्पांस मिला है और हम इसे लॉन्च करने के एक महीने के भीतर 25,000 से अधिक डिवाइस इंस्टॉल कर चुके हैं। रैपीपे माइक्रो एटीएम पारंपरिक एटीएम मशीनों की तुलना में क्रांतिकारी साबित हुए हैं। यह आम जनता को आसानी से नकदी निकालने के लिए सक्षम बनाता है। उन्हें अब एटीएम तलाशने की जरूरत नहीं है, किसी भी रैपीपे साथी स्टोर पर जाकर पैसा निकाल सकते हैं।‘‘श्री कश्यप ने आगे कहा, ‘‘अपने नजदीकी दुकानदार के पास ही माइक्रो एटीएम और अन्य सेवाओं जैसे मनी ट्रांसफर, बिल और टैक्स का भुगतान आदि उपलब्ध होने से स्थितियों में व्यापक तौर पर बदलाव आएगा और बैंकिंग और भुगतान सेवाओं की तलाश में रहने वाले लोगों के लिए यह एक बहुत राहत भरा कदम होगा।‘‘ भारत एक नकदी प्रधान अर्थव्यवस्था है और यहां लाखों ट्रांजेक्शंस पहले से ही माइक्रो ।ज्ड के माध्यम से हो रहे हैं, चाहे वह आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम हो या माइक्रो ।ज्ड डिवाइस के माध्यम से। वर्तमान में कोरोना महामारी के दौरान भी माइक्रो एटीएम ने लोगों के लिए नकद निकासी की सुविधा को बेहद सुलभ और सरल किया है। विशेष रूप से मजदूरों, कामगारों, किसानों आदि के जन धन खातों में सरकार की ओर से जमा कराए गए 1075 लाख करोड़ रुपए की निकासी में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। ये ऐसे लोग थे जिनके पास कामकाज नहीं था और जिन्हें नकदी की जरूरत थी।

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