लोगों में हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस वीक मे हेपेटाइटिस की जांच मुफ्त करेगा रीजेंसी

लखनऊ(लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश में कोरोनोवायरस इन्फेक्शन के मांमले केसेस बढ़ रहे हैं। राजधानी के रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पीड़ित मरीजों से हेपेटाइटिस या सिरोसिस सहित अन्य किसी भी एडवांस लीवर रोग के ट्रीटमेंट को जारी रखने का आग्रह किया। अगर ऐसे मरीज कोविड 19 से इन्फेक्ट हो जाते हैं तो उन्हें गंभीर स्वास्थ्य कॉम्प्लीकेशंस का ज्यादा खतरा हो सकता है। एक हेल्थी लाइफस्टाइल को बनाए रखना लीवर की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी, डी एम, डॉ प्रवीण झा ने कहा, “हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित मरीज वर्तमान में ट्रीटमेंट करवा रहे हैं, उन्हें तब तक ट्रीटमेंट नहीं बंद नहीं करना चाहिए। जब तक उनका ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर उन्हें कुछ सलाह न दें। ऐसे मरीजों में कोविड 19 से इन्फेक्ट होने से ज्यादा जोखिम रहता है। कोविड 19 डिरेन्ज्ड लीवर एंजाइम और यहाँ तक कि हेपेटाइटिस के रूप में हो सकता है। अगर कोई हॉस्पिटल जाने से डर रहा है या वह बाहर रहता है, तो वह टेली या वीडियो कन्सल्टेशन्स की मदद ले सकता हैं ताकि वे डॉक्टरों के संपर्क में रह सकें। हाथ की स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग इस महामारी से बचने का आधार हैं। इस बीमारी से संक्रमित अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं है कि वे संक्रमित हैं। आईसीएमआर द्वारा लगाए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं और लगभग 1.2 करोड़ लोगों को हेपेटाइटिस सी है। इस बीमारी से हर साल 1.5 लाख लोग मरते हैं। सबको हेल्थी लाइफस्टाइल बनाए रखनी चाहिए, हेल्थी भोजन करना चाहिए, रोज एक्सरसाइज करनी चाहिए और बाहरी लोगों के साथ अनावश्यक एक्सपोजर से बचना चाहिए।“
अगर आप वर्तमान में हेपेटाइटिस बी या सीए या अन्य क्रोनिक कंडीशन के लिए ट्रीटमेंट करा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें आप हेल्थ सर्विसेस या फार्मेसी में कम से कम जाएँ और आपके पास पर्याप्त दवाईयाँ हों। वैक्सीनेशन के बारे में अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से बात करें। क्रोनिक लीवर से पीड़ित लोग हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, इन्फ्लूएंजा (फ्लू) और न्यूमोकोकल के खिलाफ वैक्सीनेशन प्राप्त करते है। धूम्रपान करने से बचें क्योंकि यह आपके श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। वहीं हॉस्पिटल के एम सीएच, जी आई सर्जरी, डॉ प्रदीप जोशी ने कहा, “हेपेटाइटिस से लड़ना मुश्किल है क्योंकि हेपेटाइटिस बी और सी दोनों जीर्ण संक्रमण हैं जो अक्सर जिगर को नुकसान पहुंचाने से पहले सालों तक शरीर में निष्क्रिय रहते हैं। इस घातक बीमारी से लड़ने में दूसरी बड़ी चुनौती इससे जुड़ी भ्रांतियां और कलंक हैं। कोविड 19 महामारी के दौरान आपके हेल्थ को मॉनिटर करना महत्वपूर्ण रहेगा। अगर आपके पास अपने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट हैं , अगर आपने पिछले 6 महीने में अपने लीवर हेल्थ को न चेक कराया हो तो यह अपने डॉक्टर से लीवर हेल्थ के बारें में पूछना अच्छा होता है । लीवर डैमेज उन लोगों में आम होता है जिन्हें गंभीर कोविड 19 बीमारी होती है। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि लिवर एंजाइम के लेवल में बढ़ोत्तरी हुई है वह सीधे उस वायरस से संबंधित है जो कोविड19 (SARS-CoV-2) लीवर में या लीवर के डैमेज होने का कारण अन्य फैक्टर्स से नुकसान का रिजल्ट होता है। मौजूदा क्रोनिक कंडीशन के साथ रहने वाले लोग अगर कोविड 19 से इन्फेक्ट होते हैं तो उन्हें कई गंभीर हेल्थ कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं।“

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