लखनऊ (लाइवभारत24)।  ऑस्ट्रेलिया के सामाजिक उद्यम थैंक्यू ने दुनिया की दो सबसे बड़ी और सबसे प्रभावी कन्ज़्यूमर गुड्स कंपनियों- पीएण्डजी और युनिलीवर को साझेदार बनने के लिए आमंत्रित किया है, जिसके तहत दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन के लिए थैंक्यू के प्रोडक्ट्स को बनाया और वितरित किया जाएगा। इस बड़े कदम के तहत, थैंक्यू अपने अभियान ‘‘नो स्मॉल प्लान’’ के माध्यम से दुनिया भर के लोगों को बदलाव की ताकत में भरोसा बनाए रखने के लिए आमंत्रित कर रहा है। थैंक्यू जीवन में बदलाव लाने वाली परियोजनाओं को वित्तपोषण प्रदान करने के एकमात्र प्रयोजन केे साथ कन्ज़्यूमर प्रोडक्ट्स- पर्सनल केयर और बेबी केयर प्रोडक्ट उपलब्ध कराता है। दुनिया भर में बहुत ज़्यादा गरीबी के बीच जीवन व्यतीत करने वाले 736 मिलियन लोगों को ध्यान में रखते हुए थैंक्यू का गठन किया गया और हर साल 63 ट्रिलियन डॉलर कन्ज़्यूमर प्रोडक्ट्स पर खर्च किए जाते हैं। कन्ज़्यूमर प्रोडक्ट्स के कारोबार के संचालन के साथ, थैंक्यू द्वारा कमाई गई राशि का उपयोग गरीबी उन्मूलन के लिए किया जाता है। इस मॉडल के माध्यम से थैंक्यू नेककाज के लिए उपभोक्तावाद को दूर करने के लिए तत्पर है। ‘‘हर साल 63 ट्रिलियन डॉलर कन्ज़्यूमर गुड्स पर खर्च किए जाते हैं जबकि 736 मिलियन गरीबी के जाल में फंसे हैं।’’ डेनियल फ्लिन ने बताया, जिन्होंने जस्टिन फ्लिन और जैरिड बर्न्स के साथ 2008 में थैंक्यू की स्थापना की। किंतु हमारा मानना है कि लोगों के साथ मिलकर, इन दो बड़ी साझेदारियों के माध्यम से दुनिया को बदला जा सकता हे और गरीबी में फंसे लोगों को इस दुष्चक्र से बाहर निकलने में मदद की जा सकती है।’’वर्तमान में, थैंक्यू दुनिया के दो सबसे छोटे देशों- ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड को अपने प्रोडक्ट बेचता है- किंतु कोविड-19 के बढ़ने के साथ गरीबी बढ़ रही है, साथ ही पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स जैसे हैण्ड सैनिटाइज़र की मांग भी बढ़ी है, कंपनी का मानना है कि अब इसी के मद्देनज़र काम करने का समय आ गया है। अगर पीएण्डजी या युनिलीवर में से कोई भी थैंक्यू के आमंत्रण को स्वीकार करता है, तो वे एक साथ मिलकर नया इतिहास रच सकते हैं और लाखों मिलियन कन्ज़्यूमर डॉलर्स को गरीबी उन्मूलन के लिए खर्च किया जा सकता है।

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