डॉ अनुरूद्व वर्मा , पूर्व सदस्य, केंद्रीय होम्योपैथी परिषद एवँ वरिष्ठ चिकित्सक

लखनऊ (लाइवभारत24)। मौसम बदल रहा है दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंडक का बदलता मौसम बच्चों को बीमार कर रहा है। कभी गर्म तो कभी ठंडक होने के कारण इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां बच्चों को ज्यादा परेशान कर रही हैं इसलिए इस मौसम में अपने बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे जैसे तरह-तरह के वायरल और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए उनका ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। इस बदलते मौसम में बच्चों को सेहतमंद बनाये रखने के लिए कुछ सावधानियां अपनाना आवश्यक है-

*इस मौसम में बच्चों को दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी अवश्य पिलाये जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न रहे।
*बच्चों को घर से निकलने से पहले मास्क जरूर लगाएं तथा नाक में सरसों का तेल जरूर लगायें इससे उन्हें किसी दूसरे के छीकने या खांसने से निकलने वाले कीटाणुओं से बचने में मदद मिलेगी।
* बच्चों की पानी की बोतल में थोड़ा सा ग्लूकोज और तुलसी के पत्ते डाल कर दें ताकि वे ऊर्जावान महसूस करें और स्कूल से वापस आते ही उन्हें शहद मिलाकर गुनगुना पानी पिलाएं। स्कूल जाते समय उनके हाथो में सैनिटाइजर लगाकरही भेजें इससे वह जल्दी से वायरस एवम बैक्टिरिया के संपर्क में नहीं आएंगे।
  इन बातों का का भी रखें ख़ास ध्यान… 

*बच्चों के खाने में प्याज, हरी सब्जियां, जूस, फल आदि शामिल करें।
*एक सेब और दही रोज जरूर खिलाएं, इससे वे जल्दी से बीमार नहीं होंगे।
*आपके बच्चे जब गार्डन में जाएं तो उन्हें समझाएं कि उन जगहों के पास न खेलें जहां थोड़ा भी पानी इकट्ठा हो।
*जिस कमरे में बच्चे सोते हैं, उस कमरे में उनके सोने से एक घंटा पहले मॉस्कीटो रिप्लेंट लगा दें और दरवाजा बंद कर दें ताकि सारे मच्छर भाग जाएं और बाद में उसे बंद कर दें ।
-*बच्चों के कपड़ों को एकदम साफ रखें, खासकर जिन कपड़ों को वे पहनकर गार्डन जाते हों उन्हें अलग रखें और फिर से बिना धोये न पहनाएं। बाहर निकलने पर पूरे कपड़े पहनाएं।
* बाहर की चीजें जैसे गोलगप्पे, नूडल्स, चाट ,पिज़्ज़ा ,बर्गर आदि न खिलाएं उनकी खाने की इच्छा करे तो घर पर बनाकर ही खिलाएं। बच्चों को आइस क्रीम और ठंडा पानी पीने के लिए ना दें यह उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है। *बच्चों को हल्के गुनगुने पानी से स्नान करवाएं। बदलते मौसम की बिमारियों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयाँ कारगर हैं इसलिए कोई परेशानी होने पर होम्योपैथिक से परामर्श लेना चाहिए ।

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