लखनऊ (लाइवभारत24)। इस वर्ष के दौरान सामुदायिक कार्यक्रमों से 7.5 लाख से ज्‍यादा लोगों को फायदा हुआ।

रिपोर्ट के मुख्‍य आकर्षण :

· प्रवासियों, दैनिक वेतनभोगियों, आजीविका खो चुके लोगों और असहाय या ट्रांजिट कैम्‍पों में आश्रय लेने के लिये विवश लोगों समेत 1.4 लाख से ज्‍यादा लोगों को सहायता प्रदान कर कोविड-19 से जुड़े राहत कार्यों में सहयोग दिया गया।

· 30,000 लोगों को 3.4 लाख पैकेट से ज्‍यादा पका हुआ भोजन दिया गया, 20,000 परिवारों को 100 टन से ज्‍यादा सूखा राशन दिया गया और 24 पुलिस चौकियों को 30,000 यूनिट्स सुरक्षित पेयजल प्रदान किया गया।

· सरकारी अस्‍पतालों और खासतौर से स्‍थापित कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर्स को वेंटिलेटर्स, बेड्स और ऑक्‍सीजन सिलेंडर का दान कर हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सुधारने में सहायता की गई।

· लॉकडाउन के दौरान हजारों ट्रक चालकों की सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता के लिये सावधानियों वाले इंफोर्मेशन किट्स के साथ भोजन, मास्‍क और सैनिटाइजर्स की व्‍यवस्‍था की गई।

· कोविड-19 से राहत के लिये करीब 7 करोड़ रूपये दान किये गये, जिनमें से 50% का योगदान कंपनी के कर्मचारियों ने दिया था।

· कंपनी के आरोग्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम का फायदा 3.8 लाख से ज्‍यादा लोगों को हुआ। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुपोषित बच्‍चों में से 60% का स्‍वास्‍थ्‍य अब अच्‍छा है।

· टाटा मोटर्स के विद्याधनम कार्यक्रम से 1.2 लाख से ज्‍यादा स्‍टूडेंट्स को गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा मिली। जवाहर नेहरू विद्यालय (जेएनवीएस) के साथ भागीदारी के जरिये कंपनी ने जेईई और एनईईटी में भाग लेने के इच्‍छुकों की ऑनलाइन कोचिंग करवाई।

· टाटा मोटर्स की कौशल्‍य पहल के अंतर्गत लगभग 18000 युवाओं और किसानों को प्रशिक्षित किया गया। उनमें से लगभग 69% लोग अब सफलतापूर्वक नियुक्‍त हो चुके हैं, जिससे उनकी वार्षिक पारिवारिक आय में 1 लाख रूपये का इजाफा हुआ है।

· देशी किस्‍मों के लगभग 1.1 लाख पौधे लगाये गये, जिनका सर्वाइवल रेट 87% रहा और इस प्रकार कुछ क्षेत्रों को वनस्‍पति और जीव-जंतुओं की विभिन्‍न प्रजातियों के लिये सूक्ष्‍म-आवास बनाया गया।

· स्‍वच्‍छ और हरित पर्यावरण के लाभों और उसके संरक्षण के उपायों की जानकारी लगभग 1 लाख बच्‍चों को दी गई।

· अमृतधारा पहल के माध्‍यम से स्‍थायी आधार पर हर दिन प्रति व्‍यक्ति 30 लीटर पेयजल प्रदान किया गया, जिससे देश में पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रह रहे 8000 से ज्‍यादा लोगों को फायदा हुआ।

टाटा मोटर्स ने पालघर में जनजातीय समुदायों के 9000 लोगों के जीवन की गुणवत्‍ता को बेहतर बनाने के लिये महाराष्‍ट्र सरकार की सीएसआर सेल सहभाग के साथ मिलकर काम किया। गुजरात के अहमदाबाद में एक गाँव देवेदथल में भी ऐसी ही एक परियोजना का सफल संचालन किया।
टाटा मोटर्स के 37% से ज्‍यादा कर्मचारियों और उनके परिवारों ने सामाजिक कार्यों से जुड़ी परियोजनाओं के लिये वालंटीयरिंग की और 38,400 घंटे से ज्‍यादा समय तक काम किया
कुल मिलाकर, कंपनी के प्रयासों से इस वर्ष के दौरान 7.5 लाख से ज्‍यादा जिन्‍दगियां सकारात्‍मक रूप से प्रभावित हुईं, जिनमें से 45% लाभार्थी एससी और एसटी समुदायों से आते हैं।

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