नई दिल्ली(लाइवभारत24)। कुछ घंटे में अरब सागर से उठा चक्रवात ‘ताऊ ते’ गुजरात पहुंचने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक, शाम साढ़े 6 बजे यह दीव से सिर्फ 50 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था। करीब 6 घंटे में इसकी औसत रफ्तार 17 किमी. प्रति घंटे बनी हुई थी, लेकिन इसके बाद डेढ़ घंटे में इसने 40 किमी की दूरी तय की। अगर यही रफ्तार रही तो इसके रात 9 से 10 बजे के बीच सौराष्ट्र पहुंचने की आशंका है। यहां सबसे ज्यादा 10 इंच बारिश होने का अनुमान है।
3 घंटे में यह राज्य के 5 जिलों भावनगर, अमरेली, गिर-सोमनाथ, जूनागढ़ और पोरबंदर से टकराएगा। इस समय 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। राज्य के 21 जिलों की 84 तहसीलों में बारिश शुरू हो गई है। कई गांवों में 1-1 इंच बारिश हो चुकी है। तूफान का खतरा राजस्थान तक बना हुआ है।
तूफान के केंद्र शासित प्रदेश दीव में दस्तक देने से पहले अरब सागर में तीन मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही हैं। इससे समुद्र का पानी शहर में घुसने लगा है। यही हाल गिर-सोमनाथ जिले का है। यहां तटीय क्षेत्रों के गांवों में समुद्र का पानी पहुंचने लगा है। हालांकि, प्रशासन ने सारे गांव खाली करा लिए हैं।
दीव की कलेक्टर सलोनी राय ने बताया कि समुद्री तूफान कुछ देर में टकरा सकता है। हम कच्चे घरों से लोगों को निकाल रहे हैं। 1200 लोगों को शेल्टर में शिफ्ट किया गया है। यहां अभी NDRF की 2 टीमें तैनात हैं। सेना की भी 2 टीमें आएंगी। कोविड अस्पतालों में बिजली की बैकअप व्यवस्था की है। सभी सरकारी अस्पताल भी 24 घंटे चालू रहेंगे।
इससे पहले ताऊ ते तूफान महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के ही वापी के समानांतर करीब 150 किमी दूर से गुजरा। इसकी चक्रीय हवाओं की गति 165 किमी प्रति घंटा तक है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और दमन-दीव के LG से बात कर हालात की जानकारी ली है।
तूफान के गुजरने पर सबसे ज्यादा बारिश महाराष्ट्र के रत्नागिरी (400 मिमी) और गोवा में (300 मिमी) दर्ज हुई है। तटीय इलाकों में 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रहीं हैं। तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर होता जाएगा। गुजरात में इसके असर से मंगलवार को भी दिनभर भारी बारिश हो सकती है।

भारतीय सेना ने किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए 180 टीमें और 9 इंजीनियर टास्क फोर्स को स्टैंडबाय पर रखा है। राजस्थान पहुंचते-पहुंचते तूफान कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदलेगा। 18 मई की दोपहर तक कम दबाव के क्षेत्र में बदलते हुए हिमालय की ओर बढ़ जाएगा।

गुजरात में 23 साल बाद इतना भयानक तूफान आ रहा है। इससे पहले 9 जून 1998 में कच्छ जिले के कांडला में इतना भयानक तूफान आया था। इसमें 1173 लोगों की मौत हुई थी और 1774 लोग लापता हो गए थे। गुजरात के तटीय जिलों के 655 गांवों से करीब 1.5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से हजारों मकान खाली कराए गए हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि राज्य के 17 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। 7 राज्यों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा 50 टीमें लगाई गई हैं। महाराष्ट्र में मुंबई सहित कई तटीय जिलों में तूफान की वजह से वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। यहां मुंबई समेत कई शहरों में अलर्ट है।

दीव की कलेक्टर सलोनी राय ने बताया कि यहां NDRF की 2 टीमें तैनात हैं। सेना की भी 2 टीमें आएंगी। सभी सरकारी अस्पताल 24 घंटे चालू रहेंगे।
तेज हवा और बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए राजकोट एयरपोर्ट सोमवार शाम 4 बजे से 19 मई की रात 11.15 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है।
तूफान की वजह से मुंबई एयरपोर्ट के बंद रहने का समय रात 10 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
महाराष्ट्र के कोंकण में अलग-अलग घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, समुद्र में दो नावें डूबने से तीन नाविक लापता हैं।
इंडियन कोस्ट गार्ड के जहाज समर्थ ने गोवा तट पर तूफान में फंसी नाव से 15 लोगों को बचाया है। ये सभी मछली पकड़ने निकले थे।
सूरत जिले में 1,899 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।
गोवा के CM प्रमोद सावंत ने गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की।
गुजरात के जूनागढ़ में सैकड़ों लोगों को सरकारी शेल्टर होम्स में शिफ्ट किया।
अमरेली जिले के जाफराबाद इलाके के लोगों से कैबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया ने घर खाली करने की अपील की।
गुजरात में NDRF की 41 और SDRF की 10 टीमें तैनात हैं। निचले इलाकों में 456 डी वाटरिंग पंप लगाए गए हैं।
कई शहरों के शहरी इलाकों से 2126 और ग्रामीण क्षेत्रों से 643 होर्डिंग हटा दिए गए।
महाराष्ट्र के समुद्री तट से लगे जिलों से 12,420 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।

रविवार को कर्नाटक के 6 जिलों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा। इन जिलों के 73 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। वायुसेना ने 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलिकॉप्टर को तैयार रखने के लिए कहा है। तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तो गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया।
कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में तूफान से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार दोपहर 3 बजे एक पेड़ के झोपड़ी पर गिरने से 17 और 12 साल की दो बहनों की मौत हो गई। उनकी मां की हालत गंभीर है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि तूफान के कारण राज्य में 2 लोगों की मौत हुई है।

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