लखनऊ (लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश में आज से हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर और 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले बीमार लोगों को वैक्सीन की बूस्टर डोज यानी तीसरी डोज लगने जा रही है। कोरोना वैक्सीनेशन की यह तीसरी डोज केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी, जिन्हें दूसरी डोज लिए हुए 9 महीने या 39 सप्ताह पूरे हो गए हैं। साथ ही, तीसरी डोज के रूप में केवल वही डोज ली जा सकेंगी, जिसकी डोज पहली और दूसरी वैक्सीन के रूप में ली गई है। वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अलावा ऑनस्पॉट, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के स्टेट वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डॉ. अजय घई ने दैनिक भास्कर को बताया कि यूपी में हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर और गंभीर बीमारी से जूझ रहे 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोग ही इस बूस्टर डोज यानी एहतियाती खुराक लेने के पात्र होंगे। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में हेल्थ केयर वर्कर की संख्या करीब 10 लाख है।

वहीं, फ्रंट लाइन वर्कर की संख्या भी करीब 10 लाख ही है। इसके अलावा करीब 37 लाख बुजुर्ग मरीज भी तीसरी डोज के लिए पात्र होंगे, जो मॉरबिडीटीज से जूझ रहे हैं।
यूपी समेत पूरे भारत में आज से कोरोना की तीसरी डोज के वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हो रही है। इंटरनेशनल मेडिसिनल साइंटिस्ट डॉ. राम उपाध्याय ने दावा किया कि जिन्हें तीसरी डोज लग रही है, उन्हें अगले 12 से 14 दिनों में इस डोज की इम्युनिटी मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि B सेल-T सेल जनित एंटीबॉडी बनाने में करीब 15 दिन का समय लगता है, उसके बाद से शरीर की इम्युनिटी पूरी तरह से सक्रिय रहेगी। नए वैरिएंट आने के बाद वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके लोगों को अभी तक महज 30 से 40 फीसदी तक सुरक्षा मिल रही थी, लेकिन अब तीसरी डोज लेने के बाद सुरक्षा 70 फीसदी तक मिल सकेगी। लखनऊ में 2 लाख 38 हजार लोगों को लगेगी वैक्सीन की दूसरी डोज, 186 केंद्र पर 535 बूथ बनाए गए। हेल्थ केयर वर्कर में डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ, नर्स, अन्य सपोर्ट स्टॉफ और सरकारी-प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे। फ्रंट लाइन वर्कर में पुलिस, नगर निगम समेत अन्य विभागों के लोग रहेंगे।

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