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एलओसी से एलएएसी तक जिस किसी ने आंख उठाई, वीर जवानों ने उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया

नई दिल्ली(लाइवभारत24)। 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्हें इशारों में संदेश दे दिया कि भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। मोदी ने लद्दाख का जिक्र किया। कहा- हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। लद्दाख की गलवन घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की।
मोदी ने अपने भाषण में दुश्मनों को सीधी चेतावनी दी। लद्दाख का जिक्र चीन के लिए तो आतंकवाद का पाकिस्तान के लिए किया। हालांकि, दोनों का ही नाम लेने से परहेज किया। मोदी ने कहा, “जब हम एक असाधारण लक्ष्य लेकर असाधारण यात्रा पर निकलते हैं तो रास्ते में चुनौतियों की भरमार होती है, चुनौतियां भी असामान्य होती हैं। सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के प्रयास हुए। लेकिन, एलओसी से लेकर एलएसी तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई, देश की सेना ने और हमारे वीर जवानों ने उसी भाषा में जवाब दिया।”

“ भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है। संकल्प से प्रेरित है और सामर्थ्य पर आगे बढ़ रहा है। हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। मैं आज मातृभूमि पर न्योछावर सभी वीर जवानों को लाल किले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।
चीन ने जब गलवन में नापाक हरकत की तो भारत ने उसे कई मोर्चों पर करारा जवाब दिया। आज हालात ये हैं कि चीन दुनिया में अकेला पड़ता जा रहा है और भारत का समर्थन तेजी से बढ़ा है। मोदी ने भी इसका जिक्र किया। कहा- आतंकवाद हो या विस्तारवाद, आज भारत डटकर मुकाबला कर रहा है। दुनिया का भारत पर विश्वास मजबूत हुआ है। पिछले दिनों भारत संयुक्त राष्ट्र में 192 में से 184 वोट हासिल कर अस्थायी सदस्य चुना गया।”

“विश्व में हमने कैसे यह पहुंच बनाई है, यह इसका उदाहरण है। जब भारत मजबूत हो, भारत सुरक्षित हो, तब यह संभव होता है। भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दें। दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है।
चीन का मुकाबला करनेवाले आईटीबीपी के 21 जवानों को गैलेंट्री मेडल
आईटीबीपी ने पिछले मई और जून के दो महीनों में 5-6 बार लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में चीन का मुकाबला करनेवाले आईटीबीपी के 21 अफसर और जवानों को गैलेंट्री मेडल देने की घोषणा की है।

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