लखनऊ (लाइवभारत24)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एनडीआरएफ की 15 टीमें,एसडीआरएफ की 9 टीमें तथा पीएसी की 17 बाढ़ कम्पनियां बाढ़ खोज-बचाव हेतु तैनातहैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के सहयोग से दिनांक 1 जुलाई को प्रदेशके 75 जनपदों में बाढ़ की तैयारी हेतु माॅकड्रिल का आयोजन किया गया। राहत आयुक्त कार्यालयमें 24.7 एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र तथा 1070 हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहाहै। इस वर्ष बाढ़ बचाव की 83 परियोजनायें अब तक पूर्ण की जाचुकी है तथा 318.47 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग केमाध्यम से देश के बाढ़ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में बाढ़ की स्थितितथा देश में बाढ़ प्रबन्धन के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वीडियोकाॅन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  तथा असम, बिहार, कर्नाटक, केरल एवं महाराष्ट्र राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपनेराज्यों की बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बाढ़ से निपटने के सम्बन्ध में अपने-अपनेसुझाव देते हुए केन्द्र सरकार से आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति एवं बाढ़ नियंत्रण सेसम्बन्धित कार्यों के विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के 40 जनपद बाढ़ के प्रति संवेदनशील हैं, जिनमें प्रत्येक वर्ष लगभग16 लाख हेक्टेयर भूमि तथा 70 लाख आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ की दृष्टि से 8 मुख्यनदियां जिसमें घाघरा, राप्ती, गण्डक, गंगा, यमुना, गोमती, सोन तथा रामगंगा हैं तथा 4 सहायकनदियां बेतवा, केन, रोहिन, बूढ़ी गण्डक महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1 जून से 8 अगस्त तक 400.5 मिली मीटर वर्षा हुई है, जो सामान्य से 10.4 प्रतिशत कम है। प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा केबावजूद पूर्वांचल के 15 जनपदों में बाढ़ का प्रभाव है। नेपाल राष्ट्र एवं उत्तराखण्डमें सामान्य से लगभग 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिससे 4 नदियां घाघरा, राप्ती,शारदा एवं गण्डक खतरे के निशान के ऊपर प्रवाहित हुई हैं।  वहीं राहत के मानक एवं दरों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव जनहानि होने पर4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पीड़ित परिवार को दी जाती है, जबकि घायलों को गम्भीर चोटमें एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में रहने पर 12,700 रुपए, एक सप्ताह से कम अवधि तक अस्पतालमें रहने पर 4,300 रुपए की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार पशुहानि मद में बड़े दुधारूपशु की हानि पर 30,000 रुपए, बड़े गैर दुधारु पशु की हानि होने पर 25,000 रुपए छोटेपशु पर 3,000 रुपए से 16,000 रुपए तक प्रति पशु सहायता दी जाती है।
सुझावों पर शीघ्र अमल करें: पीएम प्रधानमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मौजूद केन्द्र सरकार के अधिकारियों कोमुख्यमंत्रियों द्वारा अपने-अपने राज्यों के सम्बन्ध में बाढ़ नियंत्रण के लिए दिए गएसुझावों को शीघ्र अमल में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार प्रत्येकराज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण तथा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए हरसम्भव सहायता करेगी। राज्यों की आवश्यकतानुसार आवश्यक वस्तुएं, उपकरण इत्यादि शीघ्रतासे उपलब्ध कराए जाएंगे।

राजधानी लखनऊ व कानपुर बना चुनौती 

राजधानी लखनऊ और कानपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा ही होता जा रहा है। लिहाजा ये दोनों जिले अब शासन प्रशासन के लिए चुनौती बन चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन दोनों जनपदों में अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठकमें निर्देशित किया कि जनपद कानपुर नगर तथा लखनऊ में कोविड-19 केसंक्रमण को नियंत्रित करने तथा चिकित्सा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के कार्यों मेंसम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से दोनों जनपदों में विशेषसचिव स्तर के दो-दो अधिकारी तैनात किए जाएं। इसके अलावा जनपद वाराणसी, प्रयागराज, बरेली,गोरखपुर तथा बहराइच में भी सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए विशेषसचिव स्तर का एक अधिकारी तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमणकी चेन को तोडऩे के लिए सभी प्रयास जारी रखे जाएं।  बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त कोविड अस्पतालोंमें गुणवत्तापरक चिकित्सा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा हैकि आवश्यकतानुसार इन अस्पतालों में अतिरिक्त चिकित्साकर्मियों की तैनाती की जाए। उन्होंनेसभी जनपदों में कोविड-19 के दृष्टिगत एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स की संख्याबढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।उन्होंने निर्देश दिए कि जिन निजी मेडिकलकॉलेजों में कोविड चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं, वहां की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंगके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एक नियंत्रक अधिकारी नामित किया जाए। अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जनता को निरन्तरजागरूक करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि टीवी, रेडियो, समाचार पत्रों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पोस्टर बैनरआदि के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान की जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग, दो गजकी दूरी बनाए रखने के सम्बन्ध में आमजन को लगातार जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री नेकहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के सभी मानक पूरे हों।इसके साथ ही, अस्पतालों में अन्य सुविधाएं भी तय मानकों के अनुरूप हों। उन्होंने कहाकि यह सुनिश्चित किया जाए कि बाढ़ प्रभावित व जलमग्न इलाकों में लोगों को समय से राहतपहुंचाई जाए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवश्यकतानुसार शरणालय स्थल भी तैयार किए जाएं।

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