अयोध्या(लाइवभारत24)।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को अयोध्या पहुंच गए। वे कल ही आने वाले थे, लेकिन राज्य की कैबिनेट मंत्री कमल रानी के निधन के कारण उन्होंने अपना दौरा टाल दिया था।500 सालों के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ गई है। सोमवार को गणेश जी की पूजा के साथ तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा की गई। अयोध्या और बनारस के 21 पंडित पूजा करा रहे हैं। यहां हर तरफ राम नाम की गूंज है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
मान्यता है कि जनकपुर में विवाह के बाद जब माता सीता अयोध्या आईं तो अपनी कुलदेवी की प्रतिमा भी साथ लाई थीं। उन्होंने राम जन्मभूमि के पास ही इनकी स्थापना की थी। इसी तरह बेनीगंज में बड़ी देवकाली का मंदिर है। मान्यता है कि, महाराज सुदर्शन ने द्वापर युग में इसे स्थापित किया था। मंगलवार को अयोध्या में राम अर्चना कार्यक्रम हनुमानगढ़ी में सुबह 8 बजे से शुरू होगा। यहां सालभर में एक बार होने वाली निशान पूजा भी होगी। इसके बाद 5 अगस्त को राम जन्मभूमि में भगवान राम के मंदिर की नींव रखी जाएगी। प्रधानमंत्री अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाएंगे। जहां वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंदिर में विशेष पूजा करेंगे। हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी मधुवन दास ने बताया कि बिना हनुमान को साथ लिए राम का कोई काम शुरू नहीं हो सकता है। इसलिए, मोदी और योगी हनुमानगढ़ी पर विशेष पूजा के लिए आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सांस्कृतिक इकाई संस्कार भारती मिट्टी के 5100 घड़ों को कलात्मक ढंग से सजा रही है। इनमें रंग, कपड़े, गोटे, आम के पत्तों और दीपों से सजाया जा हरा है। यह घड़े साकेत महाविद्यालय से गुजरने वाले अयोध्या मार्ग पर लगाए जाएंगे।

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