नानजिंग(लाइवभारत24)।  विश्व को वैश्विक कोरोना माहमारी बांटने वाले चीन में एक और वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसका नाम SFTS वायरस है। यह बुन्या वायरस के नाम से भी जाना जाता है। यह मकड़ी जैसे दिखने वाले जीव टिक के काटने से फैलता है। चीन में अब तक 60 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 7 की मौत हो चुकी। चीन की मीडिया के मुताबिक, पिछले 6 महीने में पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत के 37 लोग SFTS वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसके बाद पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में 23 लोग संक्रमित पाए गए। जिआंगसु की राजधानी नानजिंग में एक महिला इस वायरस से संक्रमित हुई। उसमें बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखे। उसके शरीर में ल्यूकोसाइट और ब्लड प्लेटलेट्स में कमी भी देखी गई। एक महीने तक चले इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई।
झेजियांग यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉ. शेंग जिफांग का कहना है, इस वायरस का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में फैल सकता है। संक्रमित मरीज के ब्लड और पसीने से SFTS वायरस फैलने की आशंका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं, अभी स्थिति नियंत्रण में है। चीनी मीडिया के मुताबिक, एसएफटीएस वायरस नया नहीं है। 2011 में वैज्ञानिकों ने इस वायरस को अलग किया था। एसएफटीएस बुन्यावायरस  की कैटेगरी का है। यह वायरस सीवियर फीवर विद थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिंड्रोम का कारण है। इसलिए इसका नाम SFTS वायरस है। बुन्या श्रेणी का होने की वजह से इसे बुन्या वायरस भी कहते हैं। बुन्या वायरस का कैरियर (वाहक) मकड़ी जैसा जीव टिक है। जब टिक इंसान को काटता है तो संक्रमण फैल जाता है। चीन के एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह संक्रमित इंसान के ब्लड और पसीने के जरिए दूसरे इंसान में फैल सकता है। बुखार आना, प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइटस तेजी से गिरना प्रमुख लक्षण हैं। चीन की स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, इससे मौत का खतरा 12% तक है। अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है। संक्रमित लोगों से दूर रहें। जंगल और झाड़ी वाले इलाकों से न गुजरें।

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