सिडनी (लाइवभारत24)। टीम इंडिया को 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में होने वाले चौथा और आखिरी टेस्ट खेलना है। इसके पहले प्लेइंग-11 को लेकर ही मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। जसप्रीत बुमराह छठवें ऐसे खिलाड़ी हैं, जो इस दौरे पर चोटिल होने की वजह से बाहर हो गए हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक बुमराह को पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों (एब्डोमिनल स्ट्रेन) में खिंचाव है। वहीं, हनुमा विहारी हैमस्ट्रिंग में खिंचाव और रविंद्र जडेजा अंगूठे में फ्रैक्चर की वजह से पहले ही ब्रिस्बेन टेस्ट से बाहर हो चुके हैं। इसके अलावा लोकेश राहुल, मोहम्मद शमी और उमेश यादव भी चोट की वजह से सीरीज से बाहर हो गए थे। बुमराह की जगह टी नटराजन और जडेजा की जगह शार्दूल ठाकुर को चौथे टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया जा सकता है। ऋषभ पंत बतौर बल्लेबाज खेल सकते हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सूत्र के हवाले से एजेंसी ने बताया कि स्कैन रिपोर्ट्स के मुताबिक बुमराह एब्डोमिनल स्ट्रेन से जूझ रहे हैं। भारतीय टीम नहीं चाहती कि उनकी चोट कोई गंभीर रूप ले। BCCI के मुताबिक वे इंग्लैंड के खिलाफ फरवरी में शुरू हो रहे टेस्ट सीरीज से पहले आराम दिया जाएगा। बुमराह की जगह नटराजन टीम में शामिल किए जा सकते हैं। ऐसा हुआ तो वे अपने डेब्यू टेस्ट खेलेंगे।
सोमवार को तीसरे टेस्ट के बाद विहारी को स्कैन कराने के लिए भी ले जाया गया। हालांकि, उनकी रिपोर्ट्स आनी बाकी है। BCCI ने कहा कि विहारी के हैमस्ट्रिंग में कितना खिंचाव है, यह बात तो रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी।  BCCI के सीनियर अधिकारी ने बताया कि विहारी 3 दिन बाद शुरू हो रहे चौथे टेस्ट तक फिट नहीं हो पाएंगे। उन्हें ग्रेड-1 इंजरी है। उन्हें रिकवर होने में कम से कम 4 हफ्ते लग जाएंगे। विहारी को फिलहाल रिहैब की जरूरत है। वे सिर्फ चौथे टेस्ट नहीं, बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी नहीं खेल पाएंगे। विहारी के रिप्लेसमेंट के तौर ऋद्धिमान साहा और मयंक अग्रवाल में से किसी एक को टीम में शामिल किया जा सकता है। विकेटकीपर पंत को भी चोट लगने के कारण, उन्हें बतौर बल्लेबाज टीम में शामिल किया जा सकता है। इस स्थिति में साहा को विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल किया जाएगा।
वहीं अगर पंत विकेटकीपिंग करते हैं, तो मयंक अग्रवाल को शामिल किया जा सकता है। हालांकि, रोहित शर्मा के टीम में वापस आने के कारण उन्हें मिडिल ऑर्डर में खेलाया जाएगा। चौथे टेस्ट में रोहित ही शुभमन की जगह ओपनिंग करते दिखेंगे। पृथ्वी शॉ के खराब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम में शामिल किया जाना मुश्किल है।
वहीं, अंगूठे में फ्रैक्चर झेल रहे जडेजा की जगह शार्दूल ठाकुर को टीम में शामिल किया जा सकता है। शार्दूल के पास फर्स्ट क्लास टेस्ट खेलने का एक्सपीरियंस है। साथ ही वे लोअर ऑर्डर में बैटिंग भी कर सकते हैं। ब्रिस्बेन का वाका मैदान उछाल वाला होता है। ऐसे में लोअर ऑर्डर में एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज मददगार साबित हो सकता है। शार्दूल ने टीम इंडिया की तरफ से 1 टेस्ट, 12 वनडे, 17 टी-20 खेले हैं। इसके अलावा उन्होंने अब तक 62 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। इसमें उनके नाम 206 विकेट हैं। इसके अलावा उन्होंने 1232 रन भी बनाए हैं।
BCCI ने कहा कि सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन जडेजा का बाएं अंगूठे में फ्रैक्चर हो गया। वे चौथे टेस्ट में नहीं होंगे। भारत लौटने से पहले वे सिडनी में एक हैंड स्पेशलिस्ट से जांच करवाएंगे। इसके बाद वे बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी को जॉइन करेंगे और रिहैब करेंगे। वे इंग्लैंड के खिलाफ पहला 2 टेस्ट नहीं खेलेंगे।
मोहम्मद शमी, उमेश यादव और लोकेश राहुल पहले ही इंजरी के कारण सीरीज से बाहर हो चुके हैं। इस लिस्ट में अब बुमराह, जडेजा और विहारी भी शामिल हो गए हैं। अश्विन और पंत भी चोटिल हैं। हालांकि उनकी चोट गंभीर नहीं है। रेगुलर कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर भारत लौट चुके हैं। ईशांत शर्मा भी चोट की वजह से ऑस्ट्रेलिया सीरीज से बाहर हुए थे।
विहारी और पंत दोनों ने सोमवार को सिडनी में खत्म हुए तीसरे टेस्ट में अहम पारी खेली थी। 407 रन के टारगेट का पीछे करने उतरी भारतीय टीम ने रोहित, शुभमन और कप्तान अजिंक्य रहाणे का विकेट गंवा दिया था। इसके बाद पंत ने 118 बॉल पर 97 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 82.20 का रहा। उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर टारगेट चेज करते हुए चौथे विकेट के लिए सबसे भारत की सबसे बड़ी साझेदारी कर डाली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 148 रन की पार्टनरशिप की।
वहीं, बैटिंग के दौरान विहारी के हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया। फीजियो भी बुलाए गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दर्द के साथ बल्लेबाजी करते रहे। उन्होंने दौड़ने में भी परेशानी हो रही थी। उन्होंने सोमवार को 97 में से 27 ओवर अकेले गेंदबाजों का सामना करते रहे। अश्विन और विहारी ने 259 गेंदों में 62 रन की नाबाद पार्टनरशिप की। यह छठवें विकेट के लिए गेंद के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टनरशिप रही। इस जोड़ी ने न केवल मैच बचाया, बल्कि भारतीय दर्शकों को विश्वास दिलाया कि विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों की गैरमौजूदगी में भी टीम अच्छा कर सकती है।

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