19.1 C
New York
Friday, 12th \ September 2025, 08:14:27 PM

Buy now

spot_img

किसान रैली में हिंसा के मामलों में 22 FIR,  दिल्ली उपद्रव में 300 पुलिसकर्मी घायल 

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। 26 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव पर पुलिस लगातार एक्शन में है। हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं पर अब तक 22 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस CCTV फुटेज की जांच कर रही है। लाल किले और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उधर, मेट्रो मैनेजमेंट ने आज फिर लाल किला मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है, वहीं जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के एंट्री गेट बंद किए गए हैं। किसानों ने मंगलवार को अपनी ट्रैक्टर परेड तय वक्त से पहले ही शुरू कर दी। पुलिस ने परेड के लिए मंगलवार दोपहर 12 से शाम 5 बजे का वक्त और रूट तय किया था। दिल्ली में दाखिल होने के लिए सिंघु, टीकरी और गाजीपुर एंट्री प्वाइंट बनाए गए थे। लेकिन, किसान सुबह 8.30 बजे ही इन एंट्री प्वाइंट्स पर बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में जबरदस्ती घुस गए और अपनी परेड शुरू कर दी। पुलिस का दावा है कि दिन भर चली हिंसा में 300 जवान घायल हो गए। दिल्ली में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई। शाह ने राजधानी में अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजने के आदेश दिए। दिल्ली पुलिस को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सात FIR दर्ज की हैं। वहीं, दिल्ली की हिंसा के बाद हरियाणा में कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई। मुख्यमंत्री खट्टर ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। साथ ही दिल्ली से सटे तीन जिलों सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट और SMS सर्विस बंद कर दी गई है।

किसानों की परेड में कब क्या हुआ

परेड की दिल्ली में एंट्री: किसानों ने अपनी परेड तय वक्त से करीब साढ़े तीन घंटे पहले शुरू कर दी। किसानों ने शुरुआत से ही तय रूट को फॉलो नहीं किया। सबसे पहले सिंघु बॉर्डर से किसान दिल्ली में दाखिल हुए। यहां बैरिकेड्स तोड़ दिए गए। इसके बाद टीकरी और गाजीपुर में भी किसानों ने इसी तरह दिल्ली में एंट्री की। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों की तादाद और तेवर देखकर पुलिस भी यहां से पीछे हट गई।

पांडव नगर में महाभारत: यहां गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने दोपहर करीब 12.30 बजे नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसी जगह पर निहंगों का जत्था तलवार लहराता भी नजर आया। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की।

ITO में किसान की मौत: किसानों ने ट्रैक्टर परेड का रुख इंडिया गेट की तरफ मोड़ने की कोशिश की। यहीं पर पुलिस ने उन्हें रोका। किसान नहीं माने तो लाठीचार्ज और आंसू गैस भी छोड़ी गई। कई पुलिसवाले और आंदोलनकारी भी घायल हुए। यहां बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे एक आंदोलनकारी की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई। ये किसान उत्तराखंड के बाजपुर का रहने वाला नवनीत था। वह हाल में ही शादी के लिए ऑस्ट्रेलिया से भारत आया था। किसान यहीं पर नवनीत का शव रखकर शाम 6 बजे तक धरना देते रहे। वीडियो में देखिए ये हादसा…

लाल किले पर कोहराम: सिंघु से चले किसानों ने रूट बदला और वो लाल किले की ओर बढ़े। दोपहर करीब दो बजे हजारों किसान जबरदस्ती लाल किले के भीतर दाखिल हुए और बाहर अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए। यहां पुलिस के साथ हाथापाई की, तोड़फोड़ मचाई और फिर प्राचीर पर चढ़ गए। हल्लागुल्ला और हंगामे के बीच एक युवक दौड़ता हुआ आगे बढ़ा और उसने उस पोल पर चढ़ कर खालसा पंथ का झंडा लगा दिया, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। करीब डेढ़ घंटे तक किसान यहां उपद्रव करते रहे। पुलिस को इन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
20 मेट्रो स्टेशन और इंटरनेट बंद: मंगलवार सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक किसान जहां-जहां पहुंचे, उन्होंने हंगामा किया। ITO और सेंट्रल दिल्ली में किसानों के दाखिल होने के बाद तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनें करीब 2 घंटे तक रोक दी गईं। इसके बाद जामा मस्जिद, दिलशाद गार्डन, झिलमिल, मानसरोवर पार्क मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। ग्रे लाइन पर भी 4 मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए गए। इनके अलावा इंद्रप्रस्थ, समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोर, जहांगीरपुरी, आदर्शनगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन करीब दो घंटे तक बंद रहे। हिंसा के मद्देनजर इंटरनेट सर्विस भी कुछ वक्त के लिए रोक दी गई।

किसान नेता बोले- कानून नहीं तोड़ा: ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक घटनाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि कानून हमारी ओर से नहीं तोड़ा गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ’32 किसान संगठन ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस की ओर से तय किए रूट पर ही चल रहे थे। हम जानते हैं कि कौन रुकावट डालने की कोशिश कर रहा है। ये उन राजनीतिक दलों के लोग हैं, जो आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।’

दिल्ली पुलिस बोली- रूट से बाहर ट्रैक्टर ले गए: परेड के दौरान हिंसा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, ‘ट्रैक्टर रैली का समय और रूट कई दौर की बातचीत के बाद तय किया गया था। लेकिन, किसानों ने वक्त से पहले ही रैली शुरू कर दी और तय रूट से बाहर ट्रैक्टर ले गए। इसके चलते हिंसा फैली, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।’ शाह ने मीटिंग बुलाई, रिपोर्ट तलब की: दिल्ली में बिगड़ते हालात के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार शाम 5 बजे आपात मीटिंग बुलाई। मीटिंग में दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद थे। गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने शाह को दिल्ली के हालात की जानकारी दी। भल्ला ने उन्हें बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली कब और कैसे हिंसक हुई। हिंसा के बाद किसान नेताओं ने परेड खत्म करने को कहा: दिनभर ITO, पांडव नगर, नांगलोई, मुबारका चौक, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर समेत कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुईं। इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गई। गाड़ियों में तोड़फोड़ और हाथापाई के बाद कहीं पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो कहीं लाठीचार्ज किया। करीब 11 घंटे तक हिंसा और हंगामे के बाद शाम साढ़े सात बजे किसान संगठनों ने  बॉर्डर प्वाइंट्स पर लौटने की अपील की।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Stay Connected

0फॉलोवरफॉलो करें
0सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!