लखनऊ(लाइवभारत24)। प्रदेश के मु यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संचारी रोगों, जेई, एईएस, कोविड 19 आदि पर नियन्त्रण के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें तथा इनसे बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। विभागीय समन्वय, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता तथा प्रभावी सर्विलान्स से संचारी रोगों के संक्रमण से मरीजों की जीवन रक्षा की जा सकती है। इस दिशा में गंभीरता पूर्वक कार्य करने से ही सफलता मिलेगी। कोविड 19 संक्रमण सहित संचारी रोगों से बचाव व उपचार के लिए माइक्रो प्लान बनाकर कार्य किया जाए, जिलाधिकारी नियमित रूप से इसकी मॉनीटरिंग करें। योगी सोमवार को गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल में संचारी रोगों के नियंत्रण के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों मण्डलों में जेई, एईएस का प्रकोप अधिक होता है, इसलिए यह समीक्षा बैठक आहूत की गयी है। कोविड 19 पर नियन्त्रण के लिए कोविड हेल्प डेस्क बहुत उपयोगी है, इसलिए सभी क्षेत्रों में इसकी स्थापना सुनिश्चित करते हुए लोगों को जागरूक भी किया जाए। जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर टीम 11 का गठन कर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है उसी प्रकार जनपद स्तर पर भी टीम 11 गठित की गयी है, जिलाधिकारी नियमित रूप से जनपद स्तरीय टीम 11 के कार्यों की निगरानी करें। स्वच्छ पेयजल के लिए पाइप पेयजल की स्कीमों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। साथ ही आम जन को पानी उबालकर पीने तथा अपने आस पास सफाई रखने के लिए निरन्तर जागरूक किया जाए। जहां पर जेई, एईएस के मामले आ रहे है, उन गांवों का निरीक्षण किया जाए तथा साफ सफाई, पेयजल आदि की व्यवस्था में किसी भी कमी को तत्परता से ठीक कराया जाए। इसके लिए संबन्धित की जिम्मेदारी भी तय की जाए। एंबुलेंस सेवाओं को निरन्तर कार्यशील रखा जाए। इस संबंध में शिथिलता बरतने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार आईएमए नर्सिंग होम एसोसिएशन आदि संस्थाओं के साथ संवाद बनाया जाए। उन्होंने कहा कि रैपिड एण्टीजेन टेस्ट को बड़े पैमाने पर अपनाया जाए। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण जारी रखा जाए। स्वच्छता का वृहद अभियान चलाने के साथ ही गांव गांव में निगरानी समितियां, स्वच्छाग्रहियों आदि को सक्रिय किया जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय का निर्माण एक माह में पूर्ण कर लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य में तेजी लाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी जलजमाव की स्थिति न रहे। उन्होंने कहा कि नॉन कोविड अस्पतालों में स्क्रीनिंग की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी स्वास्थ्य कार्यों का संबन्धित अधिकारी द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाता रहे। डॉक्टर नियमित रूप से वॉर्डों में राउण्ड लें। कोविड अस्पताल के इंचार्ज प्रतिदिन भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देते रहें। अनलॉक के दौरान शासन की गाइडलाइनों का स ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि जेई व एईएस के मरीजों को संबंधित जनपद के ईटीसी सेण्टर, पीकू मिनी पीकू जिला अस्पताल में समुचित उपचार उपलब्ध कराया जाए। मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में न आएं, मेडिकल कॉलेज में गंभीर व रेफरल से आये मरीजों का इलाज किया जाए। यदि कोई मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज आता है तो प्रधानाचार्य व मण्डलायुक्त यह देखें कि मरीज किस जिले से आया है और मरीज का इलाज जिला अस्पतालए पीकू मिनी पीकू ईटीसी सेण्टरों पर हुआ है कि नहीं।

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