लखनऊ(लाइवभारत24)। सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म डॉ रोशन जैकब ने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं को आपूर्तित उपखनिजों पर देय रायल्टी के भुगतान की प्रक्रिया का निर्धारण करते हुए समस्त विभागों के सचिवों, प्रमुख सचिवों व अपर मु य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वह इस प्रक्रिया को लागू करने के लिये अपने अधीनस्थ विभागाध्यक्षों व कार्यदायी संस्थाओं को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान कर दें। उन्होने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं में ठेकेदारों के प्रस्तुत बिलों से प्रयुक्त उपखनिज की मात्रा के सापेक्ष देय रायल्टी की कटौती कर, उसे कार्यदायी विभाग अपने खाते में आरक्षित करेंगे। कार्यदायी संस्थाओं में प्रयुक्त उपखनिजों के संबंध में ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत परिवहन प्रपत्रों का सत्यापन कार्यदायी संस्था द्वारा संबन्धित जनपद के खान अधिकारी, खान निरीक्षक से कराया जायेगा। परिवहन प्रपत्रों के सत्यापन की कार्यवाही किये जाने के उपरान्त परिवहन प्रपत्र वैध पाये जाने पर ठेकेदार के बिल से रायल्टी के मद में कटौती की गयी धनराशि उसे वापस कर दी जायेगी। परिवहन प्रपत्र के सत्यापन के उपरान्त उसे त्रुटिपूर्ण, अवैध पाये जाने पर रायल्टी मद में कार्यदायी संस्था द्वारा काटी गयी धनराशि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक में जमा करायी जायेगी तथा ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होने बताया कि खनिज विभाग द्वारा परिवहन प्रपत्रों के सत्यापन के उपरान्त परिवहन प्रपत्र को अपने पोर्टल पर चिन्हांकित कर लैग किया जायेगा ताकि एक ही परिवहन प्रपत्र अलग अलग कार्यदायी संस्थाओं में उपयोग न किया जा सके। यह प्रक्रिया समयबद्ध ढग़ से पूर्ण किये जाने हेतु भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में प्रस्तुत परिवहन प्रपत्रों का सत्यापन अधिकतम 7 दिन के अन्दर पूर्ण कर लिया जायेगा।

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