मुंबई (लाइवभारत24)।  मोदी सरकार ने वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने कहा कि इसे वापस लिया जाए। इसके लिए सात दिन की नोटिस वॉट्सऐप को दी गई है। इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्रालय ने यह नोटिस दी है। यह दूसरी नोटिस मंत्रालय ने दी है।

18 मई को वाट्सऐप को भेजे गए एक पत्र में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय यूजर्स की निजता, डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है। पत्र में कहा गया है कि करोड़ों भारतीय यूजर्स कम्यूनिकेशन के लिए प्रमुख रूप से वाट्सऐप पर निर्भर हैं। वाट्सऐप की नई पॉलिसी को लागू करके कंपनी ने गैर-जिम्मेदार होनेा का प्रमाण दिया है।

नई पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में मामला अभी विचाराधीन है। मंत्रालय ने साफतौर पर कहा है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी कई भारतीय कानूनों को तोड़ने वाली है। मंत्रालय ने वाट्सऐप से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है और यह भी कहा है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो वाट्सऐप के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।

वॉट्सऐप का हाई कोर्ट में जवाब

वॉट्सऐप पर दिल्ली हाई कोर्ट में 17 मई को सुनवाई हुई। कोर्ट नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिसमें सरकार ने कोर्ट को कहा कि वॉट्सऐप की नई पॉलिसी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कानून का उल्लंघन है। जबकि वॉट्सऐप का कहना है कि जो यूजर्स का डेटा ओला, ट्रू कॉलर, कू ऐप, जोमैटो और आरोग्य सेतु ऐप भी यूज करती हैं वही डाटा हम भी ले रहे हैं। बस फर्क इतना है कि हम यूजर्स को बता कर उनका डेटा ले रहे हैं।

बता दें कि सोशल मैसेंजर प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने भारत में 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल दिया है। कंपनी ने प्राइवेसी पॉलिसी को लागू होने की नई तारीखों का ऐलान नहीं किया है। कंपनी ने कहा कि नई पॉलिसी को स्वीकार ना करने वाला कोई भी अकाउंट डिलीट नहीं किया जाएगा।

क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?
वॉट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को शेयर भी कर सकती है। पहले दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को ‘एग्री’ नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल बताया था।

यूजर्स को रिमाइंडर भेजना जारी रहेगा
वॉट्सऐप ने बयान में कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए यूजर्स को रिमाइंडर भेजना जारी रहेगा। यह प्रक्रिया अगले कुछ सप्ताह तक जारी रहेगी। पहले यह नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू होनी थी। लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इसे 15 मई के लिए टाल दिया था।

केंद्र सरकार जता चुकी है आपत्ति
वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर केंद्र सरकार आपत्ति जता चुकी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वॉट्सऐप के CEO विल कैथकार्ट को सख्त पत्र लिखकर कहा है कि वैश्विक स्तर पर भारत में वॉट्सऐप का सबसे ज्यादा यूजर बेस है। साथ ही भारत वॉट्सऐप की सेवाओं का सबसे बड़ा बाजार है। वॉट्सऐप की सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में प्रस्तावित बदलाव से भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंता पैदा हुई हैं। मंत्रालय ने पॉलिसी में किए गए बदलावों को वापस लेने के लिए कहा है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मई तक मांगा जवाब
वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ फेसबुक और वॉट्सऐप से भी जवाब मांगा है। फेसबुक, वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी है। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच इस पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने इन्हें 13 मई तक याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।

संसदीय समिति भी कर चुकी है तलब
नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर संसदीय समिति भी इसी साल जनवरी में फेसबुक और वॉट्सऐप के अधिकारियों को तलब कर चुकी है। फेसबुक के अधिकारियों ने संसदीय समिति को भरोसा दिलाया था कि उसकी सब्सिडियरी वॉट्सऐप का पर्सनल डाटा शेयर नहीं किया जाएगा। इसमें इंडिविजुल्स के बीच बातचीत और मैसेज शामिल हैं। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि वॉट्सऐप पर यूजर्स के बीच होने वाले मैसेज का आदान-प्रदान पूरी तरह से एनक्रिप्टेड है।

चैट हिस्ट्री को मोबाइल में रख सकते हैं

यदि यूजर्स नई प्राइवेसी को स्वीकार नहीं करना चाहते तो वह अपने चैट हिस्ट्री को फोन में रख सकते हैं। एक बार अकाउंट हटने के बाद यूजर्स को सभी ग्रुप से हटा दिया जाएगा। वह मैसेज हिस्ट्री से मैसेज डिलीट नहीं कर पाएंगे। उनका वॉट्सऐप बैकअप डेटा को भी डिलीट कर दिया जाएगा।

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