नई दिल्ली(लाइवभारत24)।हिंदुजा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ (इंडिया) के अध्यक्ष   अशोक हिंदुजा ने भारतीय निजी क्षेत्र की बैंकों के वर्तमान स्वामित्व दिशानिर्देशों और कॉर्पोरेट संरचना की समीक्षा पर भारतीय रिज़र्व बैंक के आतंरिक कार्य समूह की रिपोर्ट (मोहंती रिपोर्ट) का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “कार्य समूह ने बैंकों, एनबीएफसीज्, लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों के बीच उपलब्ध विनियामक मध्यस्थता के साथ वितरण करते हुए, संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली के लिए एक समान नियामक ढांचा प्रस्तावित करके एक समयोचित और साहसिक कदम उठाया है। कई अन्य क्षेत्रों की तरह, हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की हमारी आकांक्षा को साकार करने की दिशा में ‘एक राष्ट्र, एक बैंकिंग नियामक ढांचा’ (‘वन नेशन, वन बैंकिंग रेगुलेटरी फ्रेमवर्क’) की ओर बढ़ना चाहिए। दृढ़ बैंकिंग प्रणाली आवश्यक है।” मजबूत बैंकिंग प्रणाली में शेयरधारक इक्विटी को रक्षा में सबसे आगे होना चाहिए। श्री अशोक हिंदुजा ने आगे बताया, “प्रमोटर-शेयरहोल्डर्स द्वारा 26 प्रतिशत की ज्यादा शेयरहोल्डिंग सीमा के माध्यम से, अनुरूप वोटिंग अधिकार के साथ निरिक्षण किए जाने पर रिपोर्ट में अधिक जोर दिया गया है जोकि सही है। प्रमोटर की जिम्मेदारी को अधिक महत्त्व देते हुए संस्थागत ढांचे को मजबूत करने में यह मदद करता है, बड़े समूहों के समेकित पर्यवेक्षण सहित पर्यवेक्षी स्वरुप प्रणाली में आवश्यक जांच और संतुलन को सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने कहा कि, “सावधानी से ध्यान दिया जाए कि नयी जोखिमों के अनगिनत संकटों से बैंकिंग क्षेत्र को बचाने के लिए लगातार प्रयास करते रहना आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, जैसे उन्होंने पहले भी किया है उसी तरह से लगातार सतर्कता बरतेगा। हमें आशा है कि आरबीआई इन दिशानिर्देशों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर लागू करने में सक्षम होगा। इसके पहले किए गए नीतिगत हस्तक्षेपों और इन अग्रेषित दिशानिर्देशों के साथ, 2020 यह वर्ष निःसंदेह आरबीआई का है।”

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