• इस प्रयास का लक्ष्य डिजिटल साक्षरता के जरिये क्षमता निर्माण करना और उन्हें प्रोडक्ट डेवलपमेंट के नए ट्रेंड को समझने और बाजार से जुड़ने में मदद करना है
• भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी प्रेरणा
• बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड पर रहेगा फोकस 

लखनऊ (लाइवभारत24)।    यूरोप एवं एशिया में परिचालन कर रही एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध अंतरराष्ट्रीय कंज्यूमर फाइनेंस प्रदाता होम क्रेडिट की भारतीय इकाई होम क्रेडिट इंडिया ने सेवा भारत के साथ मिलकर नैनो एंटरप्रेन्योर (छोटे उद्यमियों) की आजीविका के लिए एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। नैनो एंटरप्रेन्योर ऐसे लोगों को कहा जाता है, जो बहुत कम पूंजी के साथ अपना कोई काम शुरू करते हैं। वित्तीय समावेशन, फाइनेंशियल एवं डिजिटल लिटरेसी बढ़ाने और उद्यमिता को बढ़ाने की होम क्रेडिट की नीति के ही अनुरूप इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य ऐसी नैनो एंटरप्रेन्योर की मदद करना है, जो पूंजी नहीं होने के कारण अपने काम को फिर से शुरू नहीं कर पा रही हैं।
यह प्रोजेक्ट सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान और वोकल फॉर लोकल के अनुरूप है, जिसके तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड की 500 से ज्यादा कारीगरों को सक्षम एवं सशक्त किया जाएगा। ये नैनो एंटरप्रेन्योर पिछड़े वर्ग से आती हैं और कारीगर, ग्रामीण बुनकर, जूते बनाने वाली, पापड़ बनाने वाली, लाख के उत्पाद बनाने वाली, टाई एंड डाई का काम करने वाली, कपड़े एवं आभूषण बनाने वाली, नेकलेस, राखी व खाद्य उत्पाद बनाने वाली आदि के रूप में काम करती हैं।
पूरी गतिविधि के दौरान इन महिलाओं का कौशल विकास किया जाएगा और उन्हें बाजार तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और साथ ही उन्हें बिक्री के विभिन्न माध्यमों से जोड़ा जाएगा, जिनमें डिजिटल को प्रमुखता दी जाएगी। महामारी ने उत्पादों के प्रयोग का पैटर्न और स्टाइल बदल दिया है। अब इन उद्यमियों को अपनी आजीविका को पुन: चलाने के लिए बुनाई में नए डिजाइन और पैटर्न को अपनाना होगा। इस पहल के तहत उन्हें कच्चा माल दिया जाएगा औार साथ ही वर्चुअल ट्रेनिंग सेशन के जरिये दिशानिर्देश भी दिया जाएगा। इससे उन्हें उत्पादों की नई रेंज तैयार करने में मदद मिलेगी, जिसे बाद में अहम बाजारों में बेचकर कमाई की जा सकेगी।
सेवा भारत से गठजोड़ पर निधि मलिक, वाइस प्रेसिडेंट, सीएसआर एवं कम्युनिकेशंस, होम क्रेडिट इंडिया, ने कहा, ‘जिम्मेदारी के साथ कर्ज वितरण होम क्रेडिट के कारोबार का अहम उद्देश्य है। पिछले कई वर्षों से हम सक्रियता के साथ वित्तीय प्रबंधन, बजट, निवेश, बचत आदि को लेकर अपने ग्राहकों एवं समाज के अन्य लोगों को शिक्षित करते हुए फाइनेंशियल एवं डिजिटल साक्षरता की दिशा में सक्रियता से काम कर रहे हैं। इस साझेदारी के साथ हमारा प्रयास वित्तीय पहुंच को बढ़ाना ज्यादा से ज्यादा लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करना है। महामारी के कारण बहुत सी नैनो उद्यमियों के समक्ष पूंजी का संकट खड़ा हो गया है और उनके लिए नए सिरे से शुरुआत करना संभव नहीं रह गया है। सेवा भारत के साथ हमने साझेदारी इन कारीगरों को अपनी आजीविका बहाल करने में मदद पहुंचाने के लक्ष्य के साथ की है। सबसे अहम बात यह है कि हम उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाना चाहते हैं। इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य इन 500 नैनो उद्यमियों को जरूरी डिजिटल एवं वित्तीय कौशल देना है, जिससे ये पुन: शुरुआत करें और आत्मनिर्भर बनें।’
होम क्रेडिट के साथ साझेदारी पर सेवा भारत की नेशनल को-ऑर्डिनेटर संचिता मित्रा ने कहा, ‘कोविड-19 लॉकडाउन ने गरीब लोगों पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर डाला। सेवा भारत कई राज्यों में काम करता है जैसे – बंगाल, बिहार, दिल्ली, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश। सेवा के सदस्यों में बड़ी संख्या में अनौपचारिक सेक्टर से लोग जुड़े हैं और नैनो उद्यमी के तौर पर ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़े हैं या काम के लिए स्थानीय अनौपचारिक कॉन्ट्रैक्टर या अन्य के साथ जुड़े हैं। घर बैठकर काम करने वाले कारीगरों और बुनकरों के लिए किसी बिचौलिये के माध्यम से कारोबार करना बहुत जटिल है। कुछ मामलों में बिचौलिया अचानक गायब हो जाता है और कारीगर या बुनकर के पास बाजार की कोई जानकारी नहीं होती है। वे बाजार तलाशने और कच्चे माल की व्यवस्था करने में लगे रह जाते हैं। अब ऐसे बुनकर व कारीगर कौशल विकास, वित्त की व्यवस्था एवं सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें इस बात की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि सेवा भारत ने इस जरूरत के समय में कच्चे माल एवं प्रोडक्ट डेवलपमेंट की दिशा में 500 कारीगरों एवं बुनकरों की मदद के लिए होम क्रेडिट से हाथ मिलाया है। इस गठजोड़ की मदद से उन्हें नए वर्चुअल मार्केटिंग स्पेस को अपनाने में भी मदद मिलेगी और उनकी क्षमता बढ़ेगी। हम होम क्रेडिट के आभारी हैं और उम्मीद करते हैं कि साथ मिलकर हम इन महिलाओं और उनके परिवार पर बड़ा प्रभाव डालेंगे। हम भविष्य में और भी अर्थपूर्ण कार्यों की उम्मीद कर रहे हैं।’
उद्योग जगत के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 94 प्रतिशत महिला श्रमिक, अनौपचारिक अर्थव्यवस्था से जुड़ी महिला कामगार आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस पहल के साथ होम क्रेडिट इंडिया का लक्ष्य समय के साथ विभिन्न गतिविधियों के जरिये अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत 19 लाख महिला कामगारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।

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