लखनऊ/वाराणसी (लाइवभारत24)। वाराणसी के काशी विद्यापीठ ब्लॉक का सुरही गांव वेदांता के 1500वें नंदघर के शुभारंभ का गवाह बना। यह नंदघर वेदांता समूह की ग्रामीण विकास एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत् मील का पत्थर है। केंद्रीय महिला और बाल विकास एवं कपड़ा मंत्री,   स्मृति जुबिन ईरानी ने वर्चुअली वाराणसी में नए केंद्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर और ओडिशा के लांजीगढ़ जिले के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और नंद घर लाभार्थियों से बातचीत की। इस अवसर पर श्रीमती ईरानी ने महिलाओं और बच्चों के जीवन में बुनियादी स्तर पर बदलाव लाने के लिए वेदांता की सराहना की। उन्होंने कहा कि वेदांता के 1500वें नंदघर का शुभारंभ करना अत्यंत हर्ष का अवसर है। यह सीएसआर के तहत् किए गए बेहतरीन उदाहरणों में से एक है जो कि वेदांता के लिए मील का पत्थर है जिसने आंगनवाडी के स्वरूप को मॉडल के रूप में राज्यों में नंदघर में बदलकर ग्रामीण महिलाओं और बच्चों में बदलाव को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि वें 4 वर्ष पूर्व एक नंदघर की शुरूआत के अवसर पर मौजुद थी और तब से अब तक इस परियोजना ने सफलतापूर्वक लंबा सफर तय किया है जिसके लिए नंदघर की टीम बधाई की पात्र है। 2015 में नंद घर की शुरूआत 13.7 लाख आंगनवाड़ियों 8.5 करोड़ बच्चों और में 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने की दृष्टि से शुरू हुई थी। नंदघर वेदांता के अध्यक्ष, श्री अनिल अग्रवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मॉडल आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क है जहाँ बच्चों, महिलाओं और स्थानीय समुदायों के समावेशी विकास पर बल दिया जाता है। नंद घर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किए गए हैं। वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि “मुझे यह देखकर प्रसन्नता है कि वेदांता की प्रमुख परियोजना, नंद घर, देश भर में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में बदलाव लाने में सफल हुई है। हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बच्चों में कुपोषण को दूर करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और नंद घर इस परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करेगें। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि नंद घर माँ और बच्चांे के लिए बुनियादी स्तर पर बेहतर भविष्य को प्रदान करने में सफल साबित हो रहा है। ”

1500 केंद्रों के साथ, नंद घर परियोजना अब 7 राज्यों – राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में संचालित की जा रही है। इस परियोजना का लक्ष्य 4 करोड़ समुदाय के सदस्यों के जीवन को लाभान्वित करना है। साथ ही लगभग 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं को वार्षिक आधार पर लाभ पहुंचाना है। नंद घर में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनल, वाटर प्यूरीफायर, स्वच्छ शौचालय और स्मार्ट टेलीविजन सेट हैं, जो कि स्थानीय समुदायों के लिए एक मॉडल संसाधन केंद्र बन गए हैं। इन नंदघरों में 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जाती है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन और टेक-होम राशन प्रदान किया जा रहा है। नंद घर समुदाय की महिलाओं के लिए कौशल विकास केंद्र के रूप में उपयोग कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनमें व्यापार कौशल विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। मोबाइल स्वास्थ्य वैन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है।

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