अपने जीवन से जुड़े लम्हों को साझा

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। फुर्तीले ड्रॉप शोट्स, रोमांचक रैलीज, स्मैश… भारत की बैडमिंटन चैंपियन पीवी सिंधु ने बैंक ऑफ बड़ौदा की मेजबानी में नेशनल स्पोर्ट्स डे पर होस्ट किए गए इंस्टाग्राम लाइव इवेंट में प्रशंसकों के साथ बातचीत करते हुए अपने खेल की तरह जीवन के सबक भी पेश किए। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से  #SmashItWithSindhu नामक इस इवेंट का आयोजन किया, जिसमें ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट ने देश के युवाओं को अपने जुनून का पीछा करने के साथ खेलों के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया। लाइव सैशन में एक वक्त ऐसा भी आया जब लगभग 1500 यूजर्स ने सिंधु के साथ live AMA (Ask Me Anything) सत्र में भाग लिया। लॉकडाउन में जिंदगी, अपने पसंदीदा एंटरटेनमेंट से लेकर अपनी प्रेरणा तक, पीवी सिंधु ने अपने जाने-पहचाने मजाकिया अंदाज के साथ प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दिया। उनके प्रशंसकों ने उन पर खूब प्यार जताया वहीं कुछ दिलचस्प सवाल भी हुए। शुरुआत में ही एक दर्शक ने उससे पूछा ‘आप खिलाड़ी नहीं होती तो क्या होती?’ बिना पलक झपकाए सिंधु ने जवाब दिया कि एक बच्चे के रूप में वह एक डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन अब उन्हें लगता है कि उनके लिए बैडमिंटन ही बेहतर है। अपनी प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके पिता खुद एक प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे हैं। वह, उन्हें खेलते हुए देखना पसंद करती थी, ‘जब मैंने बैडमिंटन संभाला तो पिताजी ने मुझे खेल खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कभी भी मेरी पसंद पर सवाल नहीं उठाया।’ ऑडियंस, लॉकडाउन के दौरान उनकी जिंदगी के बारे में भी जानने को उत्सुक थे। सिंधु के अनुसार, उन्होंने परिवार के साथ अधिक समय बिताया और उन शौक पर ध्यान दिया, जिन्हें समय की कमी के चलते पूरा नहीं कर पा रही थी। जब उनसे पूछा गया कि वे अपने लॉकडाउन प्रशिक्षण के लिए किन घरेलू सामानों का उपयोग करती हैं, तो उन्होंने कहा, ‘मैं वजन उठाने के लिए 2-लीटर पानी की बोतलों का उपयोग करती हूं।’ महामारी ने हम सभी को प्रभावित किया है और सिंधु के अनुसार, खिलाड़ियों को भविष्य में बिना दर्शकों के मैचों की आदत डालनी होगी। इस पहल के पीछे के विचार के बारे में, बैंक ऑफ बड़ौदा के डिप्टी जनरल मैनेजर राकेश शर्मा-हेड, मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग हेड ने कहा, ‘भारत युवा आबादी का देश है और वे हमारा भविष्य हैं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों, उद्यमियों, इंजीनियरों और वकीलों में से कुछ के साथ भारत उभरते हुए खिलाड़ियो ंका घर भी हैं। पीवी सिंधु जैसी चौंपियंस ने अपनी अदम्य भावना और विलक्षण प्रतिभा से भारत को दुनिया के नक्शे पर ला खड़ा किया है। आज का सैशन, पीवी सिंधु की ‘कभी हार न मानने’ की भावना को ऑडियंस तक पहुंचाते हुए उन्हें सिंधु जैसे मुकाम तक पहुंचने में प्रेरित करने के लिए था।’ उन्होंने आगे कहा कि ’एक संस्था के रूप में, बैंक ऑफ बड़ौदा हमेशा खेलों की पक्की समर्थक रही है और खिलाड़ियों को उनके सपनों को साकार करने में मदद करती है। हम भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे। साक्षात्कार में, सिंधु ने उल्लेख किया कि वह बैंक ऑफ बड़ौदा की त्वरित सेवाओं और मैत्रीपूर्ण कर्मचारियों की सराहना करती है। बैंक लगातार चार साल से उनके साथ है और आगे भी बना रहेगा।‘‘

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