नई दिल्ली (लाइवभारत24)। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। फिलहाल वे तमिलनाडु के धारापुरम पहुंचे हैं। यहां वे थोड़ी देर में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने केरल के पडिक्कल में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस, UDF और LDF रहीं। उन्होंने कहा कि जैसे जूडस इस्कैरिएट ने ईसा मसीह को चांदी के लालच में धोखा दिया था, वैसे ही LDF ने सोने के चंद टुकड़ों के लिए केरल से गद्दारी की। जूडस, जीजस क्राइस्ट के धर्मदूतों में से एक थे, जिन्होंने यीशु को धोखा दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल की राजनीति का सालों तक रखा गया सबसे खराब सीक्रेट UDF और LDF का दोस्ताना समझौता था। पहली बार मतदान करने वाला युवा पूछ रहा है कि ये मैच फिक्सिंग क्या है? 5 साल एक लूटता और 5 साल दूसरा लूटता है। लोग देख रहे हैं कि कैसे UDF और LDF लोगों को गुमराह करते हैं। ये साफ है कि UDF और LDF के दो मकसद हैं, पहला- वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ाना और दूसरा- जेब भरना।
प्रधानमंत्री ने कहा कि BJP केरल में विकास के विजन को आगे रख रही है। इसलिए जो लोग काम और विकास में विश्वास रखते हैं, वे BJP का साथ दे रहे हैं। राजनीति में लोग कुछ पाने के लिए आते हैं, लेकिन मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने पूरी जिंदगी देश के लिए काम किया और उम्र के इस पड़ाव में वे केरल की सेवा में आ गए हैं। श्रीधरन ने लोगों को प्रेरित किया है।

हमारी सरकार कृषि के विकास और किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। कई सालों तक सरकारों ने MSP बढ़ाने का वादा किया, लेकिन हमारी सरकार को किसानों के लिए MSP बढ़ाने का सम्मान मिला।NDA सरकार मेडिकल और तकनीकी शिक्षा स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। हमारी सरकार सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करती रहेगी, हमारा मकसद समावेशी विकास है।
विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मोदी पहली बार दक्षिण भारत का दौरा कर रहे हैं। मोदी शाम 4.35 बजे पुडुचेरी में रैली करेंगे।
तमिलनाडु में 2016 में 134 सीटें जीतकर AIADMK ने सरकार बनाई थी। DMK को 97 सीटें मिली थीं। देश में लेफ्ट के आखिरी गढ़ बने केरल में 140 सीटों पर चुनाव होने हैं। यहां लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां सिर्फ 1 सीट मिली थी। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 सीटें हैं। यहां विधानसभा में 3 नामित सदस्य होते हैं। यहां अब तक कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन पिछले दिनों कई विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी। इससे सरकार अल्पमत में आ गई। CM नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा।

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