— सरकार ने CBSE की 10वीं की परीक्षा रद्द की, 12वीं के एग्जाम 15 जून तक टले
— सभी छात्र किए जाएंगे प्रमोट, जो नंबर से संतुष्ट नहीं होंगे, वे शामिल हो सकते हैं परीक्षा में

नई दिल्ली, (लाइव भारत 24)। कोरोना महामारी के दौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने बुधवार को CBSE स्टूडेंट्स के लिए बड़ा और जरूरी फैसला किया। सरकार ने 4 मई से शुरू होने वाली 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी और 12वीं की परीक्षा फिलहाल अभी टाल दी है। सरकार 1 जून को 12वीं की परीक्षा पर फैसला करेगी। एग्जाम का फैसला हुआ तो छात्रों को 15 दिन का वक्त दिया जाएगा, यानी परीक्षा 15 जून के बाद ही होगी। सीबीएसई (CBSE) में 10वीं में 21.50 लाख और 12वीं में 14.30 लाख, कुल करीब 36 लाख छात्र हैं। 10वीं के छात्र प्रमोट होंगे; जो नंबर से संतुष्ट नहीं होंगे, वह परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

ये हैं परीक्षा से जुड़े फैसले :

12वीं के छात्रों के लिए

4 मई से 14 जून तक चलने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा अभी टाली गई है। ये परीक्षा इसके बाद होगी। बोर्ड 1 जून को हालात की समीक्षा करेगा। तब फैसला किया जाएगा।
अगर परीक्षा होती है तो कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इसके बारे में बताया जाएगा।
10वीं के छात्रों के लिए

इनकी भी परीक्षा 4 मई से 14 जून तक होनी थीं। ये रद्द यानी कैंसिल कर दी गई हैं। यानी इस साल इनकी परीक्षा नहीं होंगी। सभी स्टूडेंट्स अगली क्लास में प्रमोट किए जाएंगे, लेकिन रिजल्ट के साथ। इस रिजल्ट का आधार क्या होगा, CBSE इसे तय करेगा। अगर कोई छात्र बोर्ड की ओर से दिए गए मार्क्स से संतुष्ट नहीं होगा तो वो परीक्षा में शामिल हो सकता है, लेकिन ये परीक्षा तब होगी, जब इसके लिए देश में हालात सामान्य होंगे।
ऑनलाइन एग्जाम का विकल्प नहीं, शिक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि शॉर्ट नोटिस पर 12वीं के ऑनलाइन एग्जाम संभव नहीं है। इतनी जल्दी छात्र अपने आपको ऑनलाइन पैटर्न के लिए कैसे तैयार करेंगे? ऐसे में एग्जाम ऑनलाइन करवाना और इन्हें कैंसल करने जैसे विकल्प संभव नहीं।

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ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बुधवार दोपहर करीब घंटे भर चली बैठक में लिया गया। इससे पहले कई नेता और राज्य सरकारें CBSE की परीक्षाएं टालने की मांग कर चुके थे।

कहा जा रहा है कि बैठक में अधिकारियों का सुझाव था कि 12वीं और 10वीं दोनों की परीक्षाएं टाली जाएं, लेकिन प्रधानमंत्री ने सबके सुझाव सुनने के बाद कहा कि बच्चे पहले ही कोरोना में बहुत नुकसान और परेशानी झेल चुके हैं। ऐसे में 10वीं की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए और 12वीं की परीक्षा को टाला जाना चाहिए।

4 मई से शुरू होनी थीं CBSE की परीक्षाएं
CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षा 4 मई से होनी थीं। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा को टालने की मांग कर चुकी थी। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से शिक्षा मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई थी। साथ ही छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर #CancelBoardExam2021 कैंपेन चला रखा था।

CBSE की बोर्ड परीक्षाओं में 10वीं और 12वीं को मिलाकर करीब 35.81 लाख स्टूडेंट शामिल होने वाले थे। इनमें 12वीं के 14 लाख से अधिक और 10वीं के 21.50 लाख छात्र थे।

2020 में यह हुआ था
कोरोना के कारण पिछले साल CBSE की बोर्ड परीक्षाओं के कुछ पेपर बाकी रह गए थे। तब 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाले पेपर रद्द कर दिए गए थे।

कई राज्यों में हालात बेकाबू
कोरोना से महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्य बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। कई अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब होने की ओर बढ़ रही है। ऐसे में परीक्षा कराना बड़ी चुनौती थी। केंद्र के फैसले से पहले महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सरकारें अपने यहां होने वाली बोर्ड परीक्षाएं टाल चुकी थीं। इसके साथ देश के स्टेट बोर्ड ने भी परीक्षाएं टाल दी हैं।

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