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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की राज्यपाल और उपराज्यपालों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा

— राज्यपालों से मोदी बोले, पुराने अनुभवों से सीखने का वक्त है यह
— टेस्ट किट और दूसरे मेडिकल सामानों के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा

नई दिल्ली (लाइव भारत 24)। कोरोना महामारी से उपजे हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल और उपराज्यपालों से गहनता से चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राज्यपाल और उपराज्यपालों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में देशभर में चलाए जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा की और कोरोना महामारी से बने हालात पर भी बात की। इस दौरान मोदी ने कहा कि ये पुराने अनुभवों से सीखने का वक्त है। हमें टेस्ट किट और दूसरे मेडिकल सामानों के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा।

टीका उत्सव ने बढ़ाया वैक्सीनेशन का दायरा
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य में वैक्सीन की कमी नहीं आने देगी। टीका उत्सव के दौरान वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ा है और नए वैक्सीनेशन सेंटर भी बनाए गए हैं। मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल में भी देशवासियों के अंदर जो समर्पण भाव है, वही हमारी ताकत है। उन्होंने 2020 में कोरोना वॉरियर की भूमिका निभाने वाले लोगों की तारीफ की। पिछले साल कोरोना महामारी से जीतने में राज्यपालों का भी बड़ा योगदान रहा। राज्यपाल, राज्य सरकार और समाज के बीच सेतु का काम करते हैं।

युवाओं को करना होगा कोविड गाइडलाइन का पालन
राज्यपालों का समाजिक दायरा बड़ा होता है। उनके सहयोग से अस्पतालों में एंबुलेंस, वेंटीलेंटर और ऑक्सीजन की पूर्ती आसानी से हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारत का युवा देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए युवाओं को खासतौर पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। हमें पिछले साल के अनुभव के आधार पर काफी कुछ सीखने और स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने की जरूरत है। हमें RT-PCR टेस्ट और दूसरी मेडिकल सुविधाओं में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल जनभागीदारी का एक स्तंभ होता है। उनके सहयोग और मार्गदर्शन से ही राज्यों की परेशानियां हल की जा सकती हैं। मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि राज्यपाल सामाजिक संस्थाओं से अच्छी तरह से जुड़ाव रखते हैं, इसलिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने में भी राज्यपाल सही भूमिका निभा सकते हैं।

कुंभ में भी सख्ती की तैयारी
कोरोना के कहर के बीच हरिद्वार में चल रहे कुंभ में बुधवार को शाही स्नान के मौके पर 10 लाख से ज्यादा भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई। अब खबर है कि सरकार कुंभ को लेकर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। उत्तराखंड की तीरथ सरकार ने बुधवार को इस पर मंथन किया। प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि भीड़ की वजह से कोविड-19 के लिए जारी गाइडलाइन का पालन कुंभ में करवाने में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। तीर्थयात्रियों और साधु-संतों में भी लगातार कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़ते जा रहा हैं। ऐसे में कुछ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। कुंभ में यात्रियों और अखाड़ों में साधु-संतों की संख्या सीमित की जा सकती है। हालांकि यह तो वक्त ही तय करेगा कि कुंभ में कितने लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी।

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