लखनऊ(लाइवभारत24)। सपा प्रमुख एव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेशकी भाजपा सरकार भ्रम, संशय और दिशाहीनता की शिकार है। कानून व्यवस्था हो या कोरोना महामारी स्थितियां उसके नियंत्रण में नहीं रह गईं हैं। प्रशासनिक मशीनरी अंधेरे में हाथ पांव मार रही है। जनहित की योजनाएं तथा विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। मुख्यमंत्री के आश्वसनों के अम्बार लग गए हैं परन्तु उन पर अमल से सभी बच रहे हैं। जनता बुरी तरह परेशान है।
सोमवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने जारी अपने बयान में योगी सरकार को घेरते हुए कई आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ और कोरोना संक्रमण की बढ़त सेहालत गम्भीर हैं। विभिन्न जनपदों में भारी वर्षा से जनजीवन अस्तव्यस्त है। कई नदियांखतरे के निशान से ऊपर बहने लगी जिससे गांवों में कटान शुरू हो गई है। जलभराव के कारणसामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई जगह लोग गांवों में अपने मकानों कीछतों पर बैठे हुए हैं। उन्हें कोई राहत भी नहीं पहुंच पाई है।
इस के साथ ही कहा कि कोरोना का संकट घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहाहै। दो दिन के लाॅकडाउन का भी कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। संक्रमण और मौतोंकी बढ़ती संख्या चिन्ताजनक है। अस्पतालों में कोविड-19, मरीजों को भर्ती में तमाम दिक्कतोंसे जूझना पड़ रहा है। राजधानी लखनऊ में भी कोरोना महामारी रोके नहीं रूक रही है। मुख्यमंत्रीजी रोज नए-नए तथाकथित आदेश देते रहते हैं। अस्पतालों में बदइंतजामी की खब़रें फिर भीनहीं रूकती हैं।
इसके अलावा अखिलश ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर कहा कि भाजपा सरकार में क़ानून व्यवस्था तो शुरू से ही बिगड़ी रही है। आए दिन हत्या, लूटपाट, बलात्कार और अपहरण की घटनाएं होतीरहती हैं। महिलाओं और बच्चियों का जीवन असुरक्षित है। दबंगों के आगे पुलिस तंत्र भीअसहाय नज़र आता है। अभी लोकभवन के सामने मां-बेटी ने खुद को आग के हवाले कर दिया। क्योंकि उनके जिले में उनकी शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी।

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