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*धर्म और राजनीति*

 लखनऊ (लाइवभारत24)। धर्म कोई छोटा नहीं होता है चाहे वह जैन धर्म हो या हिन्दू धर्म हो, मुस्लिम धर्म हो या ईसाई धर्म हो । कहने का तात्पर्य यह है कि सभी धर्म अपने आप में श्रेष्ठ होते है । सभी की आस्था अपने धर्म में होती है किंतु मेरा मानना यह है कि मानव धर्म ही सभी धर्मों में श्रेष्ठ है क्योंकि इस समय देश के जो हालात हैं उसमें किसी भी राजनीतिक दल को गलत राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस महामारी में गंदी राजनीति कोई वह चाहे धर्म में करे या राजनीति में कटाक्ष करे गलत है । सभी धर्म अहिंसा का पाठ पढ़ाते हैं और अहिंसा से ही देश आजाद हुआ है और इस कलयुग में हम सभी हिंसा करवा कर ऊँचा उठने की कोशिश कर रहे हैं।

मेरा किसी राजनीतिक दल से सम्बन्ध नहीं है क्योंकि इस महामारी में चाहे जो भी राजनीतिक दल शासन कर रहे होते तो कुछ न कुछ कमी रहती । मैं तारीफ नहीं कर रहा हूँ बस यह कहना चाहता हूँ कि इस समय के हालात में जो माननीय देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी मानव धर्म का पालन करते हुए सभी मानव लोगों की सेवा करने का यथा सम्भव प्रयास कर रहे हैं तथा उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी जो प्रदेश के लिए मानव धर्म का पालन करते हुए सभी नागरिकों की सेवा तन से, मन से और प्रशासन के सहयोग से कर रहे हैं निश्चित ही सराहनीय है ।

हो सकता है कि कुछ लोग मेरी इस बात का अर्थ का अनर्थ निकाल कर जनता को भ्रमित करे पर मेरा यह मानना है कि धर्म में राजनीति जैसे गुटबाज़ी, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना बिल्कुल तर्कहीन है और अपने धर्म को नीचे की ओर ले जा रहे हैं ।

इस कलयुग में साधु वर्ग भी पैसे वालों की तारीफ करते हुए नही थक रहे हैं, ठीक है बिना पैसे के काम नहीं होता है किंतु पैसा ही सब कुछ नहीं है । यदि सभी धर्मों के साधु लोग अपने भक्तों को आदेश दे कि इस समय सभी लोग मानव धर्म का पालन करते हुए मानव सेवा में जुट जाएं तो देश की विदेश की इस कोरोना महामारी से जल्द ही मुक्ति मिलेगी और जो आज हम सब घरों मे कैद हैं वो फिर से खुलकर जीवन को व्यतीत करने मे अग्रसर होंगे ।

कोई भी सरकार सिर्फ आदेश दे सकती है चाहे वह केंद्र सरकार हो या फ़िर राज्य सरकार हो तो इसलिये आइये हम सब मिलकर इस महामारी को दूर भगाने मे सरकार की मदद् करें और संकल्प लें कि यदि कुछ नहीं कर सकते हैं तो इतना तो कर ही सकते हैं कि अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार के बताये निर्देशों का पालन करते हुए मानव धर्म का पालन करें ।

इस समय प्रत्येक संस्था एवं उससे जुड़े सभी भाई और बहन जो कि मानव सेवा में लगे हुए हैं वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं । मैं उनकी ह्रदय से अनुमोदना एवं सम्मान करता हूँ ।

मैं पुनः आग्रह करता हूँ कि कोई भी चाहे वह किसान हो या अधिकारी, व्यापारी हो या नेता इस समय इस महामारी में धर्म को राजनीति या राजनीति को धर्म से जोड़ कर देश और प्रदेश की समाज में विघटन पैदा करने की कोशिश न करे, तभी हम सभी अपनें खुशहाल जीवन में वापस आ पाएंगे ।

*जैन धर्म की जय*
*विश्व धर्म की जय*
*मानव धर्म की जय*
*मानव धर्म का पालन करने वालों की जय*
सुनिल कुमार जैन, टिकैतनगर, लखनऊ

 

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