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परमबीर के आरोपों पर पर शरद पवार ने किया पलटवार

मुंबई (लाइवभारत24)। अरबपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों ने उद्धव सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। मामला ये है कि मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे को चिट्‌ठी लिखकर कहा था कि सचिन वझे को गृहमंत्री का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। इन आरोपों के बाद NCP चीफ शरद पवार ने रविवार को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे की बहाली पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी, मुख्यमंत्री या गृह मंत्री ने नहीं। रही बात देशमुख के इस्तीफे की, तो उस पर फैसला उद्धव लें।
उन्होंने कहा कि परमबीर ने देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन उसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। चिट्‌ठी में यह भी नहीं बताया गया कि पैसा किसके पास गया। साथ ही पत्र पर परमबीर के साइन भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र सरकार को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इन सब मामलों का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने मामले की जांच पूर्व IPS ऑफिसर जूलियो रिबेरो से कराने का सुझाव दिया। उन्होंने देशमुख के इस्तीफे से जुड़े एक सवाल पर कहा कि उद्धव से चर्चा के बाद एक-दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा।
पवार ने पार्टी के दो बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, NCP नेताओं के बीच अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा की जाएगी।
इस मामले में भाजपा ने उद्धव सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा ने रविवार को देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर मुंबई और नागपुर समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया। इधर, MNS प्रमुख राज ठाकरे भी पहली बार इस मामले में बयान दिया। उन्होंने कहा कि अंबानी से पैसे वसूलने के लिए यह सारी थ्योरी बनाई गई, जो ठीक नहीं है। पहले आतंकी बम रखते थे, अब पुलिस से रखवाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सरकार शरद पवार ने बनाई है, इसलिए वह इसका बचाव कर रहे हैं। वझे को वापस सर्विस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आदेश पर लाया गया था। पवार साहब सच से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देशमुख पद पर बरकरार हैं, मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परमबीर को राज्य के DG सुबोध जायसवाल ने पुलिस ट्रांसफर में भ्रष्टाचार से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया। इस वजह से जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में महाराष्ट्र ATS ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान विनायक शिंदे और नरेश धारे के रूप में हुई है। विनायक सस्पेंडेड कॉन्स्टेबल हैं और लखन भैय्या फेक एनकाउंटर केस में आरोपी रह चुके हैं। राज्य के मंत्री जयंत पाटिल ने अनिल देशमुख को हटाए जाने की बात का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनको पद से हटाने का सवाल ही नहीं उठता। परमबीर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से उठाए जा रहे कड़े कदम की वजह से ऐसा कर रहे हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्‌ठी के बाद राज्य में सियासी भूचाल आ गया है। परमबीर ने चिट्‌ठी में कहा है कि सचिन वझे को गृहमंत्री देशमुख का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि अपने गलत कामों को छुपाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया गया।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बड़ा आरोप- महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रु. मांगे थे
परमबीर ने कहा कि चिट्‌ठी पूरी तरह सही है। उसे मेरी ही आईडी से भेजा गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी चिट्ठी की सत्यता पर संदेह जताया गया था। यह बात सामने आई थी कि जो चिट्ठी भेजी गई है, उस पर परमबीर के साइन नहीं हैं। सोशल मीडिया पर परमबीर की एक चिट्‌ठी वायरल हो रही है, जिस पर उनके साइन मौजूद हैं। साइन को लेकर ही राज्य सरकार चिट्‌ठी की सत्यता पर सवाल उठा रही थी।
गृह मंत्री देशमुख ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि परमबीर खुद को बचाने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने परमबीर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात भी कही थी।
एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के साथ-साथ राज्य सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले एंटीलिया केस की जांच मुंबई पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। इसके बाद NIA ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को गिरफ्तार किया। इसके बाद मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच भी NIA को सौंप दी गई।

इससे पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उनका तबादला होमगार्ड विभाग में कर दिया गया। अब परमबीर ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं।

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