लखनऊ(लाइवभारत24)। इप्सेफ के आह्वान पर प्रदेश के सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट 14 अक्टूबर को हर जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे। उक्त आशय की जानकारी देते हुए राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि आज महासंघ के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बैठक की गई। पदाधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि देश में निजी करण आउटसोर्सिंग और संविदा का जोर बहुत तेजी से पकड़ रहा है। धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यही रास्ता अपना लिया है। चतुर्थ श्रेणी की भर्ती लगभग समाप्त हो चुकी है, वहीं ग्रुप सी के अधिकांश पदों पर भी अब संविदा और आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा रही है। कुछ ग्रुप बी के भी पदों पर संविदा के लोग कार्य करना प्रारंभ कर चुके हैं। उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों ने समान कार्य समान वेतन की परिकल्पना को पूरा करने हेतु विभिन्न सरकारों को निर्देश दिए हैं, अब जबकि विभिन्न पदों पर संविदा की भर्तियां चल रही है ऐसे में उनका अल्प वेतन अत्यंत सोच का विषय है।

इन बिंदुओं पर विचार करने का समय

  • क्या वह कर्मी अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएगा ?
  • क्या वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकता है?
  • क्या वह छत के नीचे रहने की क्षमता रखता है?
  • क्या समाज में उसका सम्मान सुरक्षित है?
  • क्या उसका भविष्य सुरक्षित है ?

इप्सेफ ने विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से सरकार को बार-बार चेताया, इन बिंदुओं पर कार्रवाई करने को कहा। लेकिन कार्यवाही तो दूर अक्सर कर्मचारियों का मनोबल गिराने वाले आदेश निर्गत होते रहते हैं। जैसे कि अभी आपने देखा कि 50 साल की उम्र और 30 वर्ष की सेवा के उपरांत जबरन सेवानिवृत्ति का एक शिगुफा छोड़ा गया था। डीए पूर्व में कट चुका है वर्तमान में डीए की बढ़ोतरी तीन किस्तो की नहीं हुई है। पुरानी पेंशन लगातार आंदोलन लागू के बावजूद लागू नहीं हो रही है। अब कर्मचारियों के जागने का समय है । इप्सेफ के आह्वान पर 14 अक्टूबर को पूरे देश के लगभग 25 राज्यों में आंदोलन का किया जा रहा है। सभी जिला मुख्यालयों पर धरने का कार्यक्रम है और धरने के पश्चात प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा।

महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद इस कार्यक्रम का संचालन कर रहा है। राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ इप्सेफ और परिषद का महत्वपूर्ण घटक संगठन है अतः महासंघ से जुड़े सभी संबद्ध संगठनों ने आंदोलन में सहभागिता करने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक ने बताया कि 2005 के बाद पुरानी पेंशन प्रणाली समाप्त कर नई पेंशन प्रणाली प्रारंभ कर दी गई है जो असुरक्षित है। कर्मचारियों का धन अभी तक सुरक्षित नहीं है एवं कर्मचारियों के मन में अविश्वास की भावना है।

उपाध्यक्ष ओपी सिंह ने कहा कि जब पूरे देश में एक समान विधान लागू करने की बात माननीय प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं तो देश में एक समान वेतनमान और भत्ते क्यों नहीं होने चाहिए? जिला अध्यक्ष एसएन सिंह एवं सचिव जीसी दुबे ने कहा कि कर्मचारियों को लगातार उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

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