हिंदी हमारी राजभाषा है, और लिपि देवनागरी; इसका फैसला संविधान सभा ने 14 सितंबर को ही किया था

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। इससे पहले ही भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बन चुकी थी। उस समय देश में कई भाषाएं थी। इस वजह से राजभाषा क्या बने, यह तय करना एक चुनौती थी। तब संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का फैसला किया।
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है। इसके अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिंदी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है। इसी को याद करते हुए 1953 से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने को लेकर गैर-हिंदी भाषी लोगों का विरोध था। इस वजह से अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा बनाया गया। आज, हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हमारे देश में 77 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते, समझते और पढ़ते हैं।

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