हेल्थ डेस्क : LiveBharat24

  • दूषित और बासी भोजन कर सकता है बीमार, इसलिये भी जरूरी है फूड सेफ्टी का ध्यान रखना

लखनऊ।  भोजन हमारी मूलभूत आवश्यकताओं में सबसे अहम जरूरत है। व्यक्ति दिनरात इसके लिए जी-तोड़ मेहनत भी करता है, मगर जब भोजन करने की बारी आती है तो बिना भोजन की पौष्टिकता को जाने बस पेट भर लिया जाता है। जोकि सेहत के लिये बेहद नुकसानदेह हो सकता है। बदलती लाइफ स्टाइल के चलते आज लोगों ने अपने भोजन में पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन जैसे तमाम फास्ट फूड को शामिल कर लिया है।
एक स्टडी के मुताबिक स्वस्थ शरीर के लिए सुबह, दोपहर, शाम व रात के भोजन का विशेष महत्व है। साथ ही भोजन का संतुलित और पौष्टिक होना भी जरूरी है। पोषण विशेषज्ञों के अनुसार व्यक्ति को सुबह का नाश्ता भरपेट करना चाहिए क्योंकि यही पूरे दिन आपको काम करने की एनर्जी देने के लिये तैयार करता है। वहीं, दोपहर का भोजन भी संतुलित व पौष्टिक होना चाहिए।

ताजा और पौष्टिक भोजन रखेगा इम्यून सिस्टम स्ट्रांग :

शालिनी श्रीवास्तव
शालिनी श्रीवास्तव

केजीएमयू में डाइटीशियन शालिनी श्रीवास्तव कहती हैं, दोपहर के भोजन में एक कटोरी दाल, चपाती, कोई भी एक मौसमी हरी सब्जी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी ताजा दही, सलाद होना चाहिए। ताजा, पौष्टिक व विटामिन-सी युक्त भोजन आपके इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करने में मददगार होगा। दोपहर के भोजन का प्रभाव शरीर में मौजूद पेरीलिपिन प्रोटीन (Perilipin protein) पर पड़ता है। जोकि शरीर के सेल्स में पाया जाता है। वहीं, शरीर में बनने वाले अतिरिक्त वसा को कम करने यानि फैट बर्निंग प्रॉसेस के लिए भी यह से लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त रहते हैं। ऐसे में, दोपहर के भोजन का पौष्टिक व संतुलित होना जरूरी है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि लंच को कभी स्किप नहीं करना चाहिए। यदि किन्हीं कारणों से लंच स्किप हो जाता है तो समय मिलते ही लैया-चना, भेलपूरी, बाटी-चोखा जैसे देसी आहार खा लेना चाहिए। वहीं, शाम को जिन लोगों को चाय पीने की आदत हो, ऐसे लोग कोशिश करें कि चाय के साथ फास्ट फूड की जगह रोस्टेड मूंगफली या तालमखाना, लैया-चना, पॉपकॉर्न जैसे देसी स्नैक्स खाएं।

रात में हल्का भोजन और हल्दी वाला दूध है फायदेमंद:

नीलम गुप्ता
नीलम गुप्ता

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डाइटीशियन नीलम गुप्ता कहती हैं, रात का भोजन सोने से दो-तीन घंटे पहले कर लेना चाहिए। रात को हल्का भोजन करना सेहत के लिए अच्छा होता है। चाहें तो फ्रेश वेजिटेबल सूप भी ले सकते हैं। हालांकि ज्यादातर लोग रात को ही डटकर खाते हैं। खासतौर से शादी-पार्टी में लोग ओवर डाइट भी कर लेते हैं। जिसके चलते अधिकतर लोगों को बदहजमी, खट्टी डकार, गैस बनने की भी शिकायत हो जाती है। इसलिये चाहे घर हो या बाहर रात का भोजन हमेशा हल्का और सुपाच्य ही खाना चाहिए। वहीं, रात को हल्दी वाला गुनगुना दूध पीना चाहिए।इस समय कोरोना वायरस का कहर भी चारों ओर फैला हुआ है। जिसके चलते लोगों को अपने इम्यून सिस्टम का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में, हल्दी वाला दूध और विटामिन सी युक्त आहार लाभदायक होगा।

 बासी और दूषित भोजन से हो सकती है फूड प्वाइजनिंग :

भोजन यदि बासी या दूषित होगा तो इससे फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा रहता है। ऐसे में, इन बातों का रखें विशेष ध्यान –
– भोजन ताजा व सफाई से बना हो।
– बासी भोजन करने से बचें।
– फ्रिज में रखा भोजन भी यदि गर्म करने पर बदबू दे तो उसे कतई न खाएं।
– फ्रिज में रखे फल यदि बाहर निकालने के कुछ घंटे बाद भी ताजे रहें तभी खाएं, अन्यथा न खाएं।
– खाने में फफूंद या सफेदी दिखे तो बिल्कुल न खाएं।
– फास्ट फूड, डिब्बाबंद, पैक्ड फूड खाने से बचना चाहिए।

 इसलिये मनाया जाता है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 

हर साल 7 जून को *वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे* मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2018 में इसे शुरू किया था। सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उददेश्य से इस दिन को मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ो के मुताबिक दुनिया भर में 10 में से एक व्यक्ति दूषित भोजन खाने से बीमार पड़ जाता है। 420000 लोगों की हर साल मौत हो जाती है। खाद्य सुरक्षा का मतलब है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक और सुरक्षित भोजन मिले।

 बच्चों को सिखाया अन्न का आदर करना

 अनीता शर्मा
अनीता शर्मा

खाना हमेशा अपनी जरूरत के अनुसार ही खाएं। हर व्यक्ति के पेट भरने के लिए सिर्फ 240 से 250 ग्राम खाना काफी होता है और हमेशा कोशिश यह हो कि अपने साथ-साथ कुछ जरूरतमंदों का पेट भी भर सके।

खाना उतना ही लें जितना खा सकें यानि अन्न का एक भी कण बरबाद न होने दें। हमारे देश में पार्टी के दौरान अक्सर बहुत खाना बरबाद हो जाता है। इस विषय पर जागरूकता की जरूरत है क्योंकि कभी बाढ़ तो कभी सूखा पड़ने के चलते भी कृषि व अन्न उत्पादन पर असर पड़ता है। अपने घर से शुरुआत करके आसपास के लोगों को भी अन्न का सही रखरखाव बताया जाये।ताकि अनाज सड़े नहीं या उसमें कीड़ा ना लगे। अन्न की बरबादी से बचाव पर भी ध्यान देना जरूरी है। हालांकि एक गृहिणी होने के साथ ही मां और पत्नी भी हूं इसलिये भोजन बनाते और परोसते वक्त मैं इस बात का पूरा ध्यान रखती हूं कि अनाज की बर्बादी न हो। साथ ही मैंने बचपन से ही अपने बच्चों को भी अन्न का आदर करना सिखाया है।
 अनीता शर्मा, गृहिणी, लखनऊ।

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