लखनऊ (लाइवभारत24)। पिछले साल 26 अक्टूबर के ही दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डायल 100 से यूपी 112 की शुरुआत की थी। इस सफर में यूपी 112 का 1090, 181 व उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के साथ एकीकरण हुआ।अपने एक साल के सफर में यूपी 112 ने बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों सहित समाज के हर आयु और वर्ग के लोगों के लिए योजनाएं शुरू करते हुए 56.36 लाख लोगों तक सहायता पहुंचाई। दूसरी सरकारी एजेंसियों के साथ एकीकरण के बाद 112 के माध्यम से मदद का दायरा भी बढ़ गया। अब इस एक नंबर (112) पर कॉल कर के प्रदेश के 24 करोड़ लोग विभिन्न तरह की योजनाओं व सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए 112 की ओर से कई तरह की सेवाएं शुरू की गईं। इसमें महिला पीआरवी, महिला एस्कॉर्ट, बुजुर्गों के लिए सवेरा योजना व घरेलू हिंसा का शिकार महिलाओं का पंजीकरण प्रमुख हैं। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में 300 महिला पीआरवी संचालित की जा रही है। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अकेली महिला को सुरक्षित आवागमन के लिए महिला एस्कॉर्ट की सुविधा शुरू की गई है।
सवेरा योजना के तहत प्रदेश भर में 7 लाख बुजुर्गों का पंजीकरण किया गया है। पंजीकृत बुजुर्ग 112 को कॉल कर के कई तरह की सहायता ले रहे हैं। इसी तरह यूपी 112 ने लॉक डाउन के समय 6.57 लाख लोगों तक मानवीय राहत पहुंचाई। इस कार्य में प्रशासन ने 112 का पूरा सहयोग किया। एडीजी 112 असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश में उद्यमियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए लिंक सेवा शुरू जा रही है। इसके तहत पंजीकृत प्रतिष्ठानों का अलार्म सिस्टम 112 से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल मदद पहुचाई जा सके। लिंक सेवा के पायलट प्रोजेक्ट का सफल परिक्षण किया जा चुका है। इसके अलावा इमरजेंसी नंबर 1070 के साथ एकीकरण का काम भी चल रहा है।

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