लखनऊ (लाइवभारत24)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ज़ोर देने वाले, शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भारतीय स्टार्टअप डीकोड एआई ने 12 से 18 वर्ष की आयु तक के छात्रों के लिए नया डीआईवाई शिक्षा प्लेटफार्म शुरू किया है। इसमें नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी), कंप्यूटर विज़न (सीवी), डेटा सायंस शामिल हैं। डीकोड एआई की स्थापना इस साल की शुरूआत में की गई। नयी पीढ़ी को कोडिंग की औपचारिक पृष्ठभूमि न होते हुए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कौशल सीखने के अवसर मिलें यह डीकोड एआई का लक्ष्य है। इस स्टार्टअप में सुलतान चंद एंड संस (पी) लिमिटेड, एजुकेशनल पब्लिशिंग हाउस ने 500,000 यूएस डॉलर्स के एंजल निवेश किए हैं। फ़िलहाल 10,000 से ज्यादा विद्यालय उनके नेटवर्क में शामिल हैं, वहाँ के सभी छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा मिले इसलिए यह स्टार्टअप प्रयासशील है। सीखना, सिखाना आसान हो, हर छात्र की जरूरतें पूरी हों, हर छात्र की क्षमताओं को बढ़ने के अवसर मिल सकें, इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और कम कोड्स / कोड्स के बिना टूल्स पर डीकोड एआई ज़ोर देता है। इस तरह से कोडिंग की पृष्ठभूमि के बिना भी एआई मॉडल्स सीखने और उनका उपयोग करने की शुरूआत की जा सकती है। डीआईवाई लर्निंग प्रोग्राम्स का नया सेट ऐसे छात्रों के लिए बनाया गया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संकल्पना सीख सकते हैं और डेटा मैनीपुलेशन, डेटा विजुअलाइज़ेशन, स्टैटिस्टिक्स, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और अन्य विषयों के अपने कौशल बढ़ा सकते हैं। जिन छात्रों को चैटबॉट्स, इमेज रेकग्निशन मॉडल्स और वौइस् रेकग्निशन पर आधारित बॉट्स और होम ऑटोमेशन सिस्टम्स विकसित करना सीखना है, उनके लिए यह लर्निंग प्रोग्राम्स उपयुक्त है डीकोड एआई के सीईओ और सह-संस्थापक श्री कार्तिक शर्मा जी ने कहा, “2020 में हमारे देश की शिक्षा प्रणाली और छात्रों की सीखने और विकास की कुल प्रक्रिया में कई बड़े परिवर्तन हुए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है कि सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना ज़रूरी है। इस AI परिवर्तन की शुरूआत विद्यालय स्तर से होनी चाहिए और डीकोड एआई में इसी को सक्षम करना चाहते हैं। समस्याओं को सुलझाने और प्रभावशाली नवाचारों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने के इच्छुक छात्रों के लिए उसे सीखना आसान बनाना हमारा उद्देश्य है। 2022 वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक 500 से ज्यादा विद्यालयों तक पहुँचना हमारा तत्काल लक्ष्य है और 2022 वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक अफ्रीका, यूके, यूएसए और यूएई जैसे देशों में वैश्विक विस्तार करने की योजना भी हमने बनाई है।” इसके अलावा विद्यालयों में शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान देकर उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑफलाइन टीचर ट्रेनिंग सेशंस भी आयोजित की जाएँगी। इसमें डेटा सायंस, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इन विषयों के कोर्सेस होंगे।

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