लखनऊ/नई दिल्ली(लाइवभारत24)। सामान्य शब्दों में कहें, ध्यान मस्तिष्क के लिए वही करता है जो व्यायाम शरीर के लिए करता है। ध्यान एक मानसिक व्यायाम है जिसमें विश्राम, ध्यानकेंद्रित करना और जागरूकता शामिल है। जबकि ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (टीएम) एक विशिष्ट प्रकार के मौन, मंत्र ध्यान को संदर्भित करता है। टीएम के लाभ हैं – तनाव और चिंता में कमी, नींद में सुधार, स्पष्ट रूप से समझने की क्षमता विकसित होना, उत्पादकता में सुधार होना आदि। सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अपने नवीनतम इंस्टाग्राम पोस्ट में उसकी 29 जून की योजनाओं के बारे में लिखा है, जिसमें ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का उल्लेख भी है। इसने उन लोगों के जीवन में टीएम के महत्व को लेकर बहस छेड़ दी है, जो अत्यधिक मानसिक तनाव में जी रहे हैं।ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (टीएम) हमारी खुद की जागरूकता के गहरे स्तर को अनुभव करने और संतुलित विकास की स्थिति को बढ़ावा देने की एक तकनीक है। दिवंगत महर्षि महेश योगी ने भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा से गूढ़ ध्यान को लिया है। कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण लोग चिंता और तनाव में थे। अगर, रिपोर्ट्स की मानें तो दिन में दो बार 15-20 मिनिट तक टीएम करना अंतर्निहित तनाव और भय को कम कर सकता है।

महर्षि आयुर्वेद के सर्टिफाइड ट्रांसेंडैंटल मेडिटेशन टीचर राम श्रीवास्तव ने कहा, “गूढ़ ध्यान, ध्यान का सबसे सरल लेकिन सबसे प्रभावी रूप है, जिसका सुबह और शाम बीस मिनिट अभ्यास किया जाना चाहिए। तीस से अधिक देशों में टीएम पर सात सौ से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान किए गए, इन अध्ययनों ने जीवन के सभी क्षेत्रों में इसके प्रभाव को प्रमाणित किया। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईए) से वित्तीय सहायता प्राप्त करके हाल ही में एक अध्ययन किया गया, इसमें यह तथ्य उभरकर आया कि जो लोग नियमित रूप से टीएम का अभ्यास करते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने की आशंका 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है।” गूढ़ ध्यान यकीनन सबसे अधिक शोधित ध्यान तकनीक है। इसके बारे में तीन सौ से अधिक विद्वत समीक्षाएं, स्वतंत्र रूप से सत्यापित लेख शीर्ष शैक्षणिक जर्नल जैसे अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी, साइंटिफिक अमेरिकन, लैंसेट, जर्नल ऑफ काउंसिलिंग साइकोलॉजी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ न्युरोसाइंस, ब्रिटिश जनरल ऑफ एजुकेशनल साइकोलॉजी और जर्नल ऑफ कान्फिलिक्ट रिज़ाल्युशन में प्रकाशित हुए हैं।आईसीसीआईडीडी के अध्यक्ष और एम्स के कम्युनिटी मेडिसीन के पूर्व विभागाध्यक्ष, डॉ. चंद्रकांत एस. पांडव ने कहा, “जब सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की, तब शुरूआत में ये चीजें सामने आई कि वह कोविड-19 के दौरान मानसिक दबाव में थे और दबाव को कम करने और वापस सामान्य स्थिति में आने के लिए उन्होंने जरूरी कामों की सूची में कुछ चीजों को जोड़ा था। उन्होंने इस सूची में टीएम को भी शामिल किया था, शायद टीएम की इन विशेषताओं को जानते हुए कि यह दबाव में शांत रहने और जीवन की लय फिर से पाने तथा जीवन में फिर से उर्जा का संचार कर खुश रहने में सहायता करता है। लेकिन, दुर्भाग्य से वो ऐसा नहीं कर सके। लेकिन अगर वो नियमित रूप से ध्यान लगाते तो शायद वो आत्महत्या नहीं करते, क्योंकि टीएम तन और मन से अशुद्धताओं को निकालने और आशा तथा मानसिक शांति के नये आयामों को पुनः परिभाषित करने का काम करता है।” आमतौर पर टीएम और ध्यान के दूसरे रूप दोनों ही सुरक्षित हैं और किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। जब ध्यान लगाया जाता है तो सामान्य विचार प्रक्रिया ‘पारगमन’ होती है। इसे शुद्ध चेतना की स्थिति के द्वारा बदल दिया जाता है। इस अवस्था में, ध्यानी व्यक्ति पूर्ण शांति, विश्राम, स्थिरता, व्यवस्था और मानसिक सीमाओं का पूर्ण अभाव प्राप्त कर लेता है। टीएम के लिए किसी कठोर प्रयास की आवश्यकता नहीं होती है। न ही इसके लिए एकाग्रता या चिंतन की आवश्यकता होती है। इसके बजाय, अभ्यार्थियों से कहा जाता है कि वे सामान्य रूप से सांस लें और किसी भी चीज़ पर ध्यान न दें, बस एक मंत्र दोहराएं। कोविड-19 के दौरान जब सभी को कुछ निश्चित प्रतिबंधों का पालन करना पड़ रहा है, लेकिन जो लोग टीएम का अभ्यास कर रहे हैं, वो काफी रिलैक्स हैं।

गूढ़ ध्यान (टीएम) के लाभ

 बुद्धिमत्ता में वृद्धि – टीएम अभ्यार्थियों की संज्ञानात्मक और बौद्धिक क्षमताओं में सुधार करता है।

 छात्रों के लिए लाभ – टीएम छात्रों के स्कूल प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

कार्य कुशलता – टीएम तनाव के स्तर को कम करता है और निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर करता है।

रचनात्मकता और समस्याओं को सुलझाना – टीएम उच्च मानसिक एकीकरण की ओर ले जाता है।

व्यक्तिगत संबंध – टीएम का अभ्यास पेशेवर और व्यक्तिगत संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार लाता है।

  वैवाहिक संबंध – टीएम अधिक से अधिक वैवाहिक संतुष्टि प्राप्त करने में सहायता करता है।

जीवनकाल – टीएम, कार्डियोवॉस्क्युलर डिसीज़ेज के खतरे को कम कर, जीवनकाल बढ़ाने में सहायता करता है।

मानसिक सामंजस्य – टीएम कुशल मानसिक गतिविधियों को बढ़ाता है।

अच्छी नींद- टीएम गहरी नींद लाने में सहायता करता है।

 समस्याएं और उनसे निपटना – टीएम लोगों में मनोवैज्ञानिक समस्याओं को कम करने और उनसे निपटने में सहायता करता है।

 सुंदर त्वचा – टीएम त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाकर आकर्षक दिखने में सहायता करता है।

 तनाव और चिंता से राहत – टीएम हमारे शरीर को तनाव से लड़ने में सहायता कर, स्वाभाविक रूप से शांत जीवन जीने की ओर अग्रसर करता है।

 हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं – हृदय की विभिन्न समस्याओं/हार्ट फेलियर के रोगियों की कार्यात्मक क्षमता में सुधार करता है। इससे हृदय रोगों का खतरा तीस प्रतिशत और स्ट्रोक के कारण होने वाली मौतें अडतालीस प्रतिशत कम हो जाती हैं।

 प्रतिरक्षा तंत्र – नियमित रूप से टीएम का अभ्यास करना वायरस, बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों से लड़ने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाओं को शक्तिशाली बनाकर रोगों से लड़ने की शरीर की क्षमता को बढ़ाता है।

  अवसाद और बर्न आउट – शिक्षकों के साथ एक दिलचस्प अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि ध्यान से काम से संबंधित तनाव, बर्नआउट की स्थिति और अवसादग्रस्तता के विभिन्न लक्षणों में काफी आती है।

  लाक्षणिक उत्तेजना – मेटा-विशलेषण के अनुसार, एंग्जाइटी डिसआर्डर्स (पैनिक अटैक, क्रोध, तनाव) में ध्यान के अभ्यास के पहले कुछ सप्ताहों में ही ‘तेजी से और वास्तव में’ कमी आ जाती है।

एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर) – टीएम का अभ्यास करने से कम से कम पांच अलग-अलग अतिसक्रियता के लक्षणों (ध्यानकेंद्रण में कमी, नींद की समस्या, अवसाद सम्मिलति) में आराम मिलता है।

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