मुंबई(लाइवभारत24)। स्वाति कुलकर्णी, ईवीपी और फंड मैनेजर, यूटीआई एएमसी कहती हैं – कोविड-19 के दौर में, जबकि आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है, घरेलू इक्विटी बाजार मार्च के बाद से बढ़त हासिल कर रहे हैं। सरकारों के राजकोषीय नीतियों से संबंधित कदम और प्रोत्साहन देने वाले उपायों के कारण निवेशक अब कोविड-19 महामारी से उबरते हुए आगे की ओर निगाह रखने का प्रयास भी कर रहे हैं। सुकून देते हैं – स्वाति कुलकर्णी, ईवीपी और फंड मैनेजर, यूटीआई एएमसी के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के समर्थन उपायों के कारण बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है। दुनिया भर में मौद्रिक और राजकोषीय उपायों के माध्यम से मिलने वाले समर्थन के बाद निवेशकों ने राहत की सांस ली है और अब वे महामारी के प्रभावों से उबरने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि बाजार में अस्थिरता के माहौल को देखते हुए, अल्पावधि में बाजार की चाल की भविष्यवाणी करना हमेशा मुश्किल होता है। फार्मास्यूटिकल्स, आईटी और दूरसंचार क्षेत्रों में सकारात्मक संकेत नजर आ रहे हैं। हालांकि मीडिया, तेल और गैस, वित्तीय, हॉस्पिटिलिटी और कंस्ट्रक्शन सैक्टर अभी निचले स्तर पर ही हैं। लंबी अवधि के निवेशकों का फोकस ऐसे उभरते कारोबारों पर है, जो चुनौतीपूर्ण समय में भी अपने आपको कायम रखने में सक्षम हैं और जो निवेश की गई पूंजी पर उच्चतर रिटर्न (आरओसीई) के साथ भविष्य के विकास के लिए निवेश करने में सक्षम हैं। वित्त वर्ष 2021 में आमदनी में गिरावट की उम्मीद है क्योंकि कारोबार रुक-रुक कर चल रहा है और अभी भी संक्रमण के फैलने के खतरे के साथ अर्थव्यवस्था आंशिक रूप से ही खुल पाई है। स्मॉल-कैप अपेक्षाकृत अस्थिर बने हुए हैं, जबकि मिड-कैप और लार्ज-कैप के बीच वैल्यूएशन का अंतर सामान्य दिनों जैसा ही है। मार्केट कैप के पार, कुछ कंपनियां लगातार नकदी प्रवाह और पूंजी पर उच्च रिटर्न उत्पन्न करती हैं। ऐसी कंपनियों में अवसर अधिक हैं, साथ ही उन कंपनियों में भी जहां रिटर्न अनुपात की रूपरेखा में सुधार हो सकता है। ये अवसर सेक्टर या किसी खास मार्केट कैप के बजाय अधिक बॉटम-अप हैं। ज्यादातर बहुतराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) अपने मुख्य संचालन पर ध्यान केंद्रित करती हैं और नॉन-कोर क्षेत्रों में पूंजी आवंटन से बचती हैं। आम तौर पर वे मजबूत ब्रांडिंग द्वारा समर्थित गुणवत्ता वाली ऑफरिंग्स के साथ बाजार में अपनी मौजूदगी को और बढ़ाती हैं। वे मजबूत वित्तीय स्थितियों की मदद से बाजार की अपनी पोजीशन को मजबूत करने और कमजोर कंपनियों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की अधिक संभावना रखती हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में निवेश मजबूत एंट्री बैरियर के साथ किया जाता है, क्योंकि ऐसी कंपनियों के पास टिकाऊ प्रतिस्पर्धात्मक लाभ होते हैं, जो अक्सर दीर्घकालिक विकास के लिहाज से सहायक साबित होते हैं। नॉन-एमएनसी व्यापक बाजार सूचकांकों के लिए समान मापदंडों के विपरीत, व्यवसायों की गुणवत्ता, नकदी-प्रवाह का उत्पन्न होना, उच्च रिटर्न अनुपात और बुक्स पर शून्य ऋण के संदर्भ में सापेक्ष मूल्यांकन की उम्मीद की जाती है। जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपेक्षाकृत प्रीमियम वैल्यूएशन पर कारोबार कर रही हैं, उनका रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) और आरओसीई काफी अधिक है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए निकट अवधि के मूल्यांकन उनकी ऐतिहासिक सीमा की तुलना में बहुत उच्च स्तर पर हैं।