Vikramaditya Singh Khichi,Executive Director, “Bank of Baroda

लखनऊ (लाइवभारत24)। बैंक ऑफ बड़ौदा, भारत का तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जो 1908 में स्थापना के बाद से देश की विकास की कहानी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अपने सभी कार्यों के मूल में ग्राहक को सर्वोपरि रखते हुए बैंक ने अपना विकास किया है। नवीन टैक्नोलॉजी को अपनाते हुए बैंक अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है, वहीं व्यवसायों और रिटेल को देश भर में अपनी शाखाओं और अन्य सर्विस आउटलेट के बढ़ते नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
वर्तमान महामारी ने संगठन को और अधिक कसौटी पर कसा है। बैंक यह कहने में गर्व महसूस करता है कि कोविड-19 द्वारा प्रस्तुत भारी चुनौती के बावजूद, बैंक प्रभावी रूप से और पूरी कुशलता के साथ बैंकिंग क्षेत्र के कामकाज की बदली हुई गतिशीलता के अनुकूल ढल गया है और ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करते हुए अपने सभी शेयरधारकों का भरोसा बहुत अच्छी तरह बनाए हुए हैं। बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विक्रमादित्य सिंह खिंची ने कहा, ‘बैंक ऑफ बड़ौदा उत्तर प्रदेश में एसएलबीसी का संयोजक है और समावेशी आर्थिक विकास के साथ समृद्ध उत्तर प्रदेश के निर्माण में एक सहयोगी के रूप में राज्य सरकार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है। राज्य सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए कई पहल की हैं और बैंक ऑफ बड़ौदा इन पहलों के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि सभी 75 जिलों में 1300 से अधिक शाखाओं के नेटवर्क के माध्यम से टियर-2 शहरों और राज्य के अन्य केंद्रों में नागरिकों सहित अधिकतम संख्या में लोगों की चौखट तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई जा सकें। उत्तर प्रदेश के लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए महामारी के खिलाफ लड़ाई में बैंक ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरा मानना है कि कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों ने हमें एक जीवंत, गतिशील और डिजिटल रूप से कुशल कार्यबल और ऑपरेटिंग मॉडल बनाने में मदद की जो हमारे ग्राहकों और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ दृढ़ता से सहयोग करता है।’

उत्तर प्रदेश में एसएलबीसी संयोजक के रूप में और भविष्य के परिदृश्य पर एक नजर

यूपी में एसएलबीसी संयोजक के रूप में, बैंक ऑफ बड़ौदा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल की कि बैंकों को संपूर्ण लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएं ताकि जनता को होने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सके।
. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत, बैंकों ने लगभग 3.4 करोड़ खातों ( 500 रुपए प्रति माह महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों) को अप्रैल-जून 2020 में कुल 5067 करोड़ रुपए वितरित किए।
. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, राज्य में बैंकों ने 2.1 करोड़ से अधिक किसानों को 2000 रुपए प्रति किसान के हिसाब से लाभान्वित किया।
. इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत, सभी बैंकों ने एक साथ मिल कर 31 अगस्त, 2020 तक 4.2 लाख खातों में 10105 करोड़ रुपए के ऋण अनुमोदित किए
. पीएम स्वनिधि योजना के तहत बैंकों ने लगभग 20000 स्ट्रीट वेंडर्स को कर्ज की सुविधा प्रदान की है
. इसके अलावा, बैंकों ने 3.22 लाख नए एमएसएमई और 1.27 लाख नए केसीसी को क्रमशः 10697 करोड़ और 1689 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत किए हैं।
लॉकडाउन के दौरान खेती और ग्रामीण समुदाय के समर्थन के महत्व को महसूस करते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अप्रैल 2020 में केसीसी किसानों और एसएचजी सदस्यों के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन सुविधा शुरू की। उत्तर प्रदेश में, बैंक ने क्रेडिट सुविधाओं के तहत कृषि के तहत 1510 करोड़ रुपये की राशि खाद्य और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के लिए वितरित की। बैंक ने 25432 नए किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए और जून 2020 में समाप्त तिमाही के दौरान 71568 कार्ड नवीनीकृत किए। वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित करने से बैंक ऑफ बड़ौदा की बाजार हिस्सेदारी 30 जून 2020 तक बढ़कर 8 फीसदी हो गई है।
व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार भी सक्रिय रही है। कनेक्टिविटी, निवेश नीतियों और आगामी बुनियादी ढांचे जैसे तीन महत्वपूर्ण आर्थिक उत्प्रेरक ने उत्तर प्रदेश को एक आकर्षक निवेश केंद्र बना दिया है। पहली तिमाही में, राज्य सरकार ने भारत के माननीय प्रधान मंत्री और उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एसएलबीसी के साथ ‘ऑनलाइन ई-रोजगार संगम’ का आयोजन किया, जिसके दौरान कुल 7.29 लाख इकाइयों तक कर्ज सुविधाएं बढ़ा दी गईं। समाज के विभिन्न क्षेत्रों से उधारकर्ताओं को 20442 करोड़ रुपए का संवितरण किया गया। इसके अलावा, सितंबर, 2020 तक एक ऑनलाइन क्रेडिट कैंप आयोजित करने का प्रस्ताव है, जो केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत 10000 से अधिक कारीगरों को ऋण सुविधा प्रदान करता है ताकि रोजगार सृजन किया जा सके। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, ईसीएलजीएस, पीएम स्वनिधि योजना और तनावग्रस्त इकाइयों के लिए सबऑर्डिनेटेड डेट के तहत पात्र सभी एमएसएमई /व्यावसायिक इकाइयों तक कर्ज की सुविधा बढ़ाई जाएंगी, बैंक राज्य के साथ मिलकर सरकार की पहल के मकसद को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश में विकासशील व्यवसायों के लिए अपने समर्थन को मजबूत करना जारी रखेगा।

एमएसएमई और रिटेल ग्राहकों के लिए

एमएसएमई भारत में जीडीपी और रोजगार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ रहे हैं। ऐसे समय में जब इस सेक्टर में नगदी की की एक बड़ा संकट बन गई है, बैंक ऑफ बड़ौदा एमएसएमई को सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। ईसीएलजीएस के तहत, जिसे 1 जून को लागू किया गया था, बैंक ने नगदी की जरूरत पूरा करने के लिए एमएसएमई को 743.45 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए हैं।
बैंक ने मौजूदा एमएसएमई ग्राहकों को राहत देने के लिए एक अतिरिक्त कदम उठाया है जिससे उन्हें अपने बोझ को कम करने के लिए ऋण की किश्तों का स्थगन का लाभ उठाने में मदद मिली है। कुल मिलाकर, बैंक ऑफ बड़ौदा ने लगभग 43 फीसदी एमएसएमई उधारकर्ताओं को ऋण की किश्तों में मोहलत प्रदान की है।
बैंक ने एमएसएमई उद्यमियों को शिक्षित करने के प्रयास भी किए हैं कि वे इस क्षेत्र का समर्थन करने के लिए सरकार और आरबीआई द्वारा किए गए उपायों का लाभ कैसे उठा सकते हैं। इस प्रयोजन के लिए बैंक द्वारा आयोजित पिछले वेबिनार में 49,000 से अधिक एमएसएमई उधारकर्ताओं ने भाग लिया। रिटेल सेगमेंट में भी, बैंक ने संकट के समय में ग्राहकों की नकदी की जरूरत को पूरा करना जारी रखा। ऐसे में, होम लोन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ रिटेल लोन में साल-दर-साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, एजुकेशन लोन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी और अगस्त के अंत तक कार लोन में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

डिजिटल बैंकिंग

वित्तीय वर्ष 2023 तक बैंक ऑफ बड़ौदा 100 फीसदी डिजिटल प्रोसेसिंग सिस्टम की ओर बढ़ जाएगा। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के अपने निरंतर प्रयासों में, बैंक एक नए डिजिटल ऑपरेटिंग मॉडल के माध्यम से ग्राहक अनुभव को बहुत बेहतर करने के लिए तैयार है। होम, कृषि, एमएसएमई, पर्सनल और ऑटो ऋण सहित ऋणों के तेजी से परिशोधन को सुनिश्चित करने के लिए एक ‘डिजिटल ऋण डिपार्टमेंट’ की स्थापना की जा रही है।
पिछले महीने, बैंक ने ‘इंस्टा क्लिक सेविंग बैंक अकाउंट’ भी लॉन्च किया था, जो कि 100 फीसदी पेपरलेस डिजिटल सेल्फ-असिस्टेड ऑनलाइन बचत खाता है। यह ग्राहकों को डिजिटल केवाईसी, आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण के साथ अपने घरों से बाहन निकले बिना पूरी सुरक्षा के साथ बचत खाता खोलने में मदद करता है, यह खाता रियल टाइम में एक्टिवेट होता है।

समामेलित बैंक

विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के बाद यह समामेलित इकाई का पहला वर्ष था।
हालांकि, तीन बैंकों के समामेलन से होने वाले लाभ, वित्तीय वर्ष 2020 में आय अनुपात में 52 फीसदी से 47.86 फीसदी तक की कमी के माध्यम से लागत दक्षता के रूप में पहले वर्ष में दिखाई देने लगे हैं। सीएएसए अनुपात में वृद्धि के माध्यम से मार्जिन में सुधार 180 बीपीएस से 39.07 फीसदी और बेहतर क्रेडिट गुणवत्ता के रूप में गैर-निष्पादित ऋण में 3.13 फीसदी की गिरावट के रूप में दिख रहा है।
संयुक्त इकाई ने न केवल बहुत अधिक परिचालन लाभ की सूचना दी है, बल्कि वित्त वर्ष 2020 में शुद्ध लाभ भी बेहतर हुआ है। विलय की प्रक्रिया महामारी और लॉकडाउन के कारण चुनौतियों और व्यवधान के बावजूद योजना के अनुसार सुचारू रूप से आगे बढ़ी है। बैंक को चालू वर्ष के दौरान विलय को पूरा करने की उम्मीद है। वित्तीय प्रदर्शन के साथ-साथ जटिल विलय का निष्पादन देश और विदेश में बैंक के लगभग 84000 समर्पित कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और दृढ़ता की गवाही है।

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